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धोती-पिस्टल वाले गैंग का आतंक: दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग से कांपा गाजीपुर

गाजीपुर के भांवरकोल थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े हुई ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना से पूरा इलाका दहशत में है। टेंट व्यवसायी की दुकान पर अचानक से करीब दो दर्जन हथियारबंद बदमाशों ने हमला बोल दिया। कार और बाइक से आए इन बदमाशों ने कई राउंड फायरिंग की और इलाके में खौफ फैला दिया। इस पूरी वारदात का वीडियो भी वायरल हो चुका है, जिसमें बदमाशों का आतंक साफ देखा जा सकता है।

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक सफेद SUV और कुछ दोपहिया वाहनों पर सवार होकर बदमाश दुकान के बाहर आ धमके। सबसे आगे एक धोती पहने शख्स, जिसने कमर से पिस्टल निकालकर सबसे पहले फायरिंग शुरू की। उसके साथ ही चेहरे पर गमछा बांधे अन्य बदमाश भी हथियारों से लैस होकर दुकान पर हमला बोल देते हैं। चारों तरफ गोलियों की आवाज और बदमाशों के गाली-गलौज से इलाका गूंज उठता है। हमलावरों ने हथियार लहराते हुए और धमकी भरी आवाज में गाली देते हुए मौके से फरार हो गए।

पीड़ित की कहानी, दहशत का माहौल                                                                                                                                                                                                                                                             
इस घटना के बाद, टेंट हाउस संचालक शुभम सिंह पटेल ने बताया कि वे दुकान पर बैठे थे, जब गांव के ही संदीप यादव अपने दो दर्जन साथियों के साथ वहां आ धमका और गाली देते हुए पेट्रोल बम फेंकने लगा। शुभम ने बताया कि उन्होंने किसी तरह दुकान का शटर गिराकर अपनी जान बचाई, लेकिन जाते-जाते बदमाशों ने बाहर खड़े शुभम के चचेरे भाई विकास सिंह पटेल पर हमला कर दिया। गनीमत रही कि उसकी जान बच गई। अब पीड़ित परिवार डरा हुआ है और जान-माल के नुकसान का डर सताने लगा है।

पुलिस की कार्रवाई, गिरफ्तारी का आश्वासन
घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और फौरन जांच शुरू कर दी। पुलिस ने मौके से कई खोखे और जिंदा कारतूस बरामद किए। पीड़ित पक्ष की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एसपी ग्रामीण बलवंत सिंह ने बताया कि आरोपी संदीप यादव हिस्ट्रीशीटर है और पुलिस जल्द ही उसे गिरफ्तार करेगी। पुलिस का दावा है कि सभी आरोपी जल्द सलाखों के पीछे होंगे।

इस घटना ने साफ तौर पर यह दिखा दिया है कि किस तरह खुलेआम बदमाशों का आतंक कायम है। दिनदहाड़े इस तरह की वारदातें केवल कानून-व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती हैं। पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े होते हैं कि आखिर इन बदमाशों का मनोबल इतना ऊंचा क्यों है? क्या यह वाकई में कानून का डर खत्म होने का संकेत है? प्रशासन को ऐसी घटनाओं पर सख्त से सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि आम लोगों का भरोसा कानून और व्यवस्था पर बना रहे। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को समय पर कार्रवाई करनी चाहिए और इलाके में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए, ताकि अपराधियों को कड़ा संदेश मिल सके।