CATEGORIES

April 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
282930  
Monday, April 21   7:05:26

सीरिया में भयानक हिंसा, चार दिनों में 1000 से ज्यादा हत्या, असद समर्थकों की महिलाओं पर जुल्म

सीरिया के लताकिया और टार्टूस में सुरक्षा बलों और असद समर्थकों के बीच हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। 6 से 10 मार्च के बीच हुई इस हिंसा में कुल 1000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इन इलाकों में पिछले 72 घंटे से पानी और बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से ठप है। यह मौतों का आंकड़ा 2011 के गृहयुद्ध के बाद का सबसे बड़ा है।

चार दिनों में 1,018 लोगों की हत्या

सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, 6 से 10 मार्च के बीच सीरियन सुरक्षा बलों ने 1,018 लोगों की हत्या की। बशर अल-असद, जो पिछले साल दिसंबर में विद्रोह के बाद देश छोड़कर रूस चले गए थे, उनकी सत्ता अब पूरी तरह खत्म हो चुकी है। उनके जाने के बाद हयात तहरीर अल-शाम (HTS) नामक संगठन ने सीरिया की सत्ता पर कब्जा कर लिया। अब इस संगठन के लड़ाके सीरियन सेना का हिस्सा बन चुके हैं और लगातार असद समर्थकों और पूर्व सरकारी अधिकारियों पर हमले कर रहे हैं।

सीरियन सरकार ने असद समर्थकों को ठहराया जिम्मेदार

सीरियन सरकार का कहना है कि हिंसा की शुरुआत बशर अल-असद के समर्थकों द्वारा सुरक्षा बलों पर किए गए हमले से हुई। वहीं, असद समर्थकों और लड़ाकों ने सुरक्षा बलों पर उनके आवासीय इलाकों में बम गिराने और गोलीबारी करने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि जब सुरक्षा बलों ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने की कोशिश की, तब स्थिति और खराब हो गई। सरकार ने लताकिया और टार्टूस में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी है और कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है।

अलावी समुदाय को बनाया गया निशाना

रिपोर्ट के अनुसार, अलावी समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर मारा जा रहा है। सड़कों पर लाशें बिछी हुई हैं। इस समुदाय की महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर परेड कराने जैसी अमानवीय घटनाएं भी सामने आ रही हैं।

असद समर्थक मुश्किल में

अलावी समुदाय के अधिकांश लोग बशर अल-असद के समर्थक हैं, क्योंकि असद स्वयं इसी समुदाय से आते हैं। उनके पिता के सत्ता में आने के बाद बड़ी संख्या में अलावी समुदाय के लोगों को सरकारी और सैन्य पदों पर नियुक्त किया गया। उन्हें सत्ता और संसाधनों में सीधा लाभ मिला। हालांकि, सीरिया में अलावी समुदाय की आबादी केवल 12% है, जबकि सुन्नी आबादी 74% है।

सुन्नी समुदाय की नाराजगी

अलावी समुदाय अल्पसंख्यक होने के बावजूद असद के शासन में उन्हें बड़े पैमाने पर लाभ मिला, जिससे बहुसंख्यक सुन्नी समुदाय असंतुष्ट था। इसके अलावा, सुन्नी और शिया समुदायों के बीच वर्षों से धार्मिक संघर्ष जारी है। असद सरकार धर्मनिरपेक्ष शासन चला रही थी, लेकिन सुन्नी धार्मिक नेता और कट्टरपंथी गुट असद के खिलाफ थे। सुन्नी समुदाय के कई लोग अलावी को इस्लाम से भटका हुआ मानते हैं।

सीरिया में हिंसा की वजह

सीरिया में 1971 से असद परिवार का शासन था, जो दिसंबर 2024 में समाप्त हुआ। अहमद अल-शारा ने बशर अल-असद को सत्ता से हटाकर एक अंतरिम सरकार बनाई। सीरिया के कई लोगों का मानना है कि सुन्नी बहुसंख्यक होने के बावजूद पिछले पांच दशकों से सत्ता और संसाधन अल्पसंख्यक अलावी समुदाय के हाथों में थे।

दिसंबर 2024 में सीरिया में सत्ता परिवर्तन हुआ, और बशर अल-असद को देश छोड़कर रूस भागना पड़ा। अहमद अल-शारा के नेतृत्व वाले इस्लामिक समूह हयात तहरीर अल-शाम ने असद को सत्ता से बाहर कर दिया। इस समूह की जड़ें अल-कायदा की सीरियाई शाखा में हैं और इसे अमेरिका और कई पश्चिमी सरकारों द्वारा अब भी एक आतंकवादी संगठन माना जाता है।