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हौसले की मिसाल ताहिरा कश्यप: सात साल बाद फिर वही कैंसर की जंग, लेकिन जज़्बा अब भी बेमिसाल

“जब ज़िंदगी नींबू दे, तो नींबू पानी बना लो। और जब बार-बार दे, तो उसे काला खट्टा बना कर पी जाओ!” — ये शब्द हैं फिल्ममेकर और आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप के, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी की सबसे मुश्किल जंग को भी मुस्कान और मज़ाक में ढाल दिया है।

ताहिरा ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक इमोशनल लेकिन पॉजिटिव पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि उन्हें एक बार फिर ब्रेस्ट कैंसर हुआ है। उन्होंने इसे ‘राउंड 2’ नाम दिया है, लेकिन उनके हौसले और उम्मीदों में कोई कमी नहीं है।

साल 2018 में जब पहली बार उन्हें इस बीमारी का सामना करना पड़ा था, तब भी उन्होंने साहस के साथ इससे जंग लड़ी और उसे मात दी। अब सात साल बाद जब यह बीमारी फिर लौटी है, तो भी ताहिरा ने उसी मजबूती और मुस्कराहट के साथ इसका सामना करने की ठानी है।

उन्होंने लिखा,
“सेवन ईयर इच या फिर रेगुलर स्क्रीनिंग की ताकत – ये नजरिया है। मैं दूसरी चीज पर यकीन करना चाहती हूं और सभी को रेगुलर मैमोग्राम करवाने की सलाह देती हूं। मेरे लिए राउंड 2… लेकिन अभी भी हिम्मत है।”

इंसान की सबसे बड़ी ताकत उसका नज़रिया होता है, और ताहिरा इस बात की जीती-जागती मिसाल हैं। उन्होंने बीमारी को डर की तरह नहीं, बल्कि एक अध्याय की तरह स्वीकार किया है — एक ऐसा अध्याय जो फिर से उन्हें और मजबूत बनाएगा।

इत्तेफाक से उन्होंने ये पोस्ट वर्ल्ड हेल्थ डे के दिन शेयर की, जब पूरी दुनिया को हेल्थ के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया जाता है। ताहिरा का ये संदेश सिर्फ उनकी कहानी नहीं, बल्कि हम सबके लिए एक रिमाइंडर है कि सेहत सबसे बड़ी पूंजी है, और इसकी देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी।

ताहिरा का पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। हर कोई उनके जज्बे, पॉजिटिविटी और ज़िंदादिली की तारीफ कर रहा है। उन्होंने ना सिर्फ बीमारी को, बल्कि समाज के उस डर को भी हराया है जो कैंसर जैसे शब्दों के साथ आता है।

ताहिरा कश्यप सिर्फ एक फिल्ममेकर या एक स्टार की पत्नी नहीं हैं — वे आज की महिला की असली तस्वीर हैं। वे हमें सिखाती हैं कि ज़िंदगी की मुश्किलें आपके हौसले से बड़ी नहीं हो सकतीं। उन्होंने साबित किया है कि जब आप अंदर से मजबूत होते हैं, तो कोई भी बीमारी, कोई भी तूफान, आपको नहीं हरा सकता।

उनकी ये कहानी हर उस महिला के लिए प्रेरणा है जो किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही है, और हर उस इंसान के लिए उम्मीद की किरण है, जो ज़िंदगी में हिम्मत हार बैठा है।

आप भी अपने और अपनों की सेहत को हल्के में न लें। रेगुलर हेल्थ चेकअप्स करवाएं, और ज़िंदगी को उसी जज़्बे से जिएं — जैसे ताहिरा जी रही हैं।