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सूरत का जलवा: रियो मेयर्स शिखर सम्मेलन में भारत का सम्मान, विकास यात्रा ने दुनिया को किया मंत्रमुग्ध

गुजरात का व्यापारिक केंद्र सूरत, एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना चुका है। ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित 2024 यू-20 रियो मेयर्स शिखर सम्मेलन में सूरत के मेयर, दक्षेश मावानी ने शहर की अद्वितीय विकास यात्रा को प्रस्तुत किया, और यह सम्मेलन सूरत के लिए गर्व का पल साबित हुआ। इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाला सूरत, एकमात्र भारतीय शहर था, जो आमंत्रित हुआ था, और इसने न केवल भारत बल्कि एशिया का भी नाम रोशन किया।

14 से 17 नवंबर तक आयोजित इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में मेयर मावानी ने सूरत के सतत विकास, नवाचार और नागरिक कल्याण के लिए किए जा रहे ठोस प्रयासों पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि सूरत, जो भारत का आठवां सबसे बड़ा शहर है, तेजी से विकास कर रहा है और यह अब दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते शहरी केंद्रों में से एक बन चुका है। मेयर ने यह भी कहा कि सूरत अपने स्मार्ट सिटी पहल, पर्यावरण संरक्षण और व्यापारिक नवाचारों के साथ विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बना रहा है।

सूरत की विकास यात्रा: एक ग्लोबल दृष्टिकोण

सूरत की सफलता का राज केवल उसकी व्यापारिक ताकत नहीं, बल्कि शहर के सतत विकास और नागरिक कल्याण पर भी है। इस शहर ने न केवल व्यापार, बल्कि जीवनशैली को भी बेहतर बनाने के लिए कई नवाचार किए हैं। मेयर मावानी ने सम्मेलन में बताया कि कैसे सूरत ने अपनी शहरी योजनाओं में हर पहलू को ध्यान में रखा है, जैसे कि अपशिष्ट प्रबंधन, जल संरक्षण, और सौर ऊर्जा का उपयोग, जो न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि लोगों के जीवन को भी अधिक सुगम बनाते हैं।

गुजरात की पहचान पर इज़ाफा

गुजरात का यह शहर अपने व्यापारिक दृष्टिकोण से हमेशा से ही प्रमुख रहा है, लेकिन अब इसे सतत विकास के मोर्चे पर भी वैश्विक पहचान मिल रही है। रियो मेयर्स शिखर सम्मेलन में सूरत का नाम रोशन होने से यह साफ है कि सूरत अब सिर्फ एक व्यापारिक केंद्र नहीं, बल्कि एक स्मार्ट और हरित शहरी मॉडल बन चुका है। यह सम्मेलन न केवल सूरत, बल्कि पूरे गुजरात और भारत के लिए गर्व का कारण है।

यह पल भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि सूरत ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि तेज़ी से विकास करने वाले शहरों को न केवल आर्थिक सफलता की जरूरत होती है, बल्कि नागरिकों की भलाई और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए सतत प्रयास भी जरूरी हैं। अगर अन्य शहर भी सूरत के उदाहरण से प्रेरित होकर अपने विकास को समाज के हित में मोड़ें, तो यह न केवल देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए एक बेहतरीन मॉडल साबित होगा।