देश के स्वच्छ भारत के असली एम्बेसडर सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली। मंगलवार को सुलभ इंटरनेशनल के ऑफिस में ध्वजा रोहण कार्यक्र्म के बाद उनकी तबीयत अचानत खराब हो गई थी। जिसके बाद उन्हें तुरंत ही दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां उनका निधन हो गया।
डॉ. बिदेश्वर पाठक 50 साल से शौचालयों को साफ करने वालों के मानवाधिकारों के लिए अथक प्रयास किया है। वे महात्मा गांधी को अपनी प्रेरणा मानते थे। पाठक को समाज में कई स्वच्छता ‘सांता क्लॉज’ से तो कई ‘टॉयलेट मैन’ के रूप में जानते थे।
दिवंगत बिंदेश्वर पाठक की पहचान बड़े भारतीय समाज सुधारकों के रूप में होती है। उन्होंने साल 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी। इतना ही नहीं उन्होंने पांच दशकों से ज्यादा चलने वाले राष्ट्रव्यापी स्वच्छता आंदोलन के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी ही बदौलत सुलभ जगह-जगह सुलभ शौचालयों का निर्माण संभव हो पाया। उनके इस योगदान ने उन लाखों वंचित गरीबों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाया जो शौचालय का खर्च नहीं उठा पाते थे।
आपको बता दें कि सुलभ इंटरनेशनल एक सामाजिक सेवा संगठन है। यह शिक्षा के जरिए मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, वेस्ट मैनेजमेंट और सुधारों को बढ़ावा देने का कार्य करता है।
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