लोकसभा चुनाव से पहले ही हिमाचल प्रदेश में भाजपा की ओर रुख कर गए बागी सरकार गिराने की फिराक में है।
हिमाचल में बड़ी राजनीतिक हलचल मची हुई है। 6 कांग्रेसी विधायकों की क्रॉस वोटिंग से राज्यसभा सीट हारने के बाद कांग्रेस सरकार गिरने का खतरा बना हुआ है। वहीं अब मामला CM सुखविंदर सुक्खू का मुख्यमंत्री पद छिनने तक पहुंच गया है।सूत्रों के मुताबिक CM सुक्खू के इस्तीफे से इनकार करने के बाद कांग्रेस पार्टी कठोर फैसले ले सकती है। इसके लिए शाम के वक्त विधायक दल की मीटिंग बुलाई जा सकती है। जिसमें CM के लिए नया नेता चुना जा सकता है। फिलहाल इस दौड़ में डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री का नाम चर्चा में है।
इससे पहले बुधवार सुबह पूर्व CM जयराम ठाकुर की अगुआई में भाजपा विधायक दल ने गवर्नर शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात की। उन्होंने सरकार का फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की।
दोपहर में विधानसभा का बजट सेशन बुलाया गया। जिसमें पूर्व CM जयराम ठाकुर समेत 15 विधायकों को स्पीकर ने सस्पेंड कर दिया। इसको लेकर विधानसभा में हंगामा हो गया। उन्होंने बाहर जाने से इनकार कर दिया।
स्पीकर ने मार्शल बुला लिए। धक्कामुक्की के बावजूद मार्शल उन्हें बाहर नहीं निकाल पाए। जिसके बाद स्पीकर ने पहले 12 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
पूरे हालात के बीच PWD मंत्री विक्रमादित्य ने बुधवार सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस में पद से इस्तीफा दिया था और कहा- गेंद अब आलाकमान के पाले में है।
इसी बीच चर्चा चली कि CM सुक्खू ने कांग्रेस हाईकमान को इस्तीफा सौंप दिया है। फिर चर्चा हुई कि उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि बाद में CM सुक्खू ने मीडिया को कहा कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। ये सब अफवाह हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि हिमाचल में ऑब्जर्वर भेजे हैं। वे विधायकों की राय लेंगे। उसकी रिपोर्ट अध्यक्ष खड़गे को देंगे। जिसके बाद पार्टी कठोर फैसले लेगी। इसमें मुख्यमंत्री बदलने तक का विकल्प खुला है।
प्रियंका गांधी ने इस पर ट्वीट किया कि हिमाचल में 25 विधायक वाली भाजपा, 43 विधायकों के बहुमत वाली कांग्रेस को चुनौती दे रही है। साफ है, वो खरीद-फरोख्त पर निर्भर है।
इसके बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई। जिसके बाद भाजपा विधायकों की गैरमौजूदगी में बजट बिना पढ़े ही पास कर दिया गया।
सरकार गिरने से बचाने के लिए CM डिस्क्वालिफिकेशन मोशन ले आए। जिसमें क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 कांग्रेस विधायकों की मेंबरशिप रद्द करने की मांग की गई। स्पीकर कुलदीप पठानिया ने इसकी सुनवाई शुरू कर दी है।
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