CATEGORIES

March 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  
Friday, March 14   3:59:10
kota1

राजस्थान के कोटा में छात्रों की खुदकुशी : सामाजिक पारिवारिक दबाव का प्रतिफल!!

31-08-2023

राजस्थान के कोटा में छात्रों की खुदकुशी की बढ़ रही घटनाएं समाज,परिवार और शिक्षण जगत के लिए बहुत बड़ा सवाल बनती जा रही है।


देश की टॉप मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने के लिए राजस्थान के कोटा में कोचिंग लेते छात्रों द्वारा की जा रही खुदकुशी बढ़ती घटनाएं लंबे अरसे से चर्चा में है।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी कुछ दिन पहले इन घटनाओं के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए, सलाह समिति की रचना की थी।यह समिति अपना काम शुरू करे उससे पहले रविवार को केवल चार घंटे के अंतराल में 2 छात्रों ने खुदकुशी कर ली थी।इस घटना से नींद से जागे तंत्र ने तमाम कोचिंग क्लासिस को वीकली टेस्ट न लेने का फरमान जारी कर दिया है।रविवार को खुदकुशी करने वाले दो छात्रों में महाराष्ट्र के लातूर का 16 वर्षीय संभाजी काले,जिसने छठी मंजिल से कूदकर जान दी,और बिहार का 18 वर्षीय आदर्श राज,जिसने फांसी लगा ली थी।
राजस्थान के कोटा में वर्ष 2014 में 45, 2015में 17, 2016 में 16, 2017 में 7, 2018में 20, 2019 में 8, 2020 में 4 छात्रों ने खुदकुशी की थी। परंतु 2021में कोरोना के चलते ऑनलाइन पढ़ाई हो रही थी ,इसलिए कोई खुदकुशी नही हुई। फिर 2022में क्लासिस हुए, और15छात्रों ने आत्महत्या की ।वर्ष 2023 में अब तक ये आंकड़ा 25 तक पहुंच गया है।पुलिस भी इस बात को स्वीकार रही है कि, यह आंकड़ा इससे बड़ा हो सकता है,ये तो कोटा में हुई आत्महत्या के आंकड़े है।


JEE और NEET की परीक्षाएं बहुत ही कठिन होती है।इसमें स्पर्धा बहुत होती है।हर साल लाखों बच्चे यह परीक्षा देते है,जिनमे से कुछ ही सफल हो पाते है।वर्ष की शुरुआत के साथ ही वीकली टेस्ट शुरू हो जाते है। जिससे बच्चो में हताशा घर करने लगती है। इन घटनाओं को रोकने के लिए प्रत्येक हॉस्टल के चारो ओर नेट लगाने,हॉस्टल के पंखों में स्प्रिंग लगाने के आदेश के साथ साथ छात्रों पर नजर रखने के लिए कुछ अधिकारी अप्वाइंट करने आदेश दिए गए है।यदि कोई छात्र हताश नजर आता है तो, उसकी काउंसलिंग के भी आदेश दिए गए हैं।पुलिस को भी सतर्क रहने की सूचना जारी की गई है। ऐसी घटनाएं कोचिंग सेंटर द्वारा वीकली और फोर्टनाइटली टेस्ट के बाद ज्यादा घटी है, अतः पुलिस को टेस्ट के दिन सेंटर के बाहर तैनात रहने आदेश है,ताकि हताश छात्र को रोककर शांत किया जा सके।


यहां यह उल्लेखनीय है कि यह एक मानसिक और सामाजिक समस्या ज्यादा है।कोटा में एक साथ हो रही खुदकुशी की घटनाओं ने विशेष तौर पर ध्यान खींचा है,बाकी यह समग्र देश की समस्या है। आयेदिन छात्रों की आत्महत्या की छुटपुट खबरें आती ही रहती है।इसके पीछे बच्चों में माता पिता का डर,प्रेशर,उनकी आमदनी से ज्यादा बच्चे पर किया जा रहा खर्च,बच्चे को एक मुकाम तक पहुंचाने की ललक,ऊंची अपेक्षाएं,बच्चे को केवल डॉक्टर या इंजीनियर बनाने की चाहत,IIT या AIIMS जैसी कॉलेज में दाखिला दिलाने का जुनून,बेहतरीन स्कोर करने दबाव,बहुत हद तक जिम्मेदार है।


इस स्थिति के निवारण और जान से प्यारे बच्चे की जान को जोखिम में न डालने के लिए ज़रूरी है,माता पिता में जागृति। बच्चे पर कभी मानसिक दबाव न डाले। उन्हें इस मानसिकता को बदलना होगा कि सफलता का मापदंड डॉक्टर या इंजीनियर बनना ही नहीं है।बच्चो के मन से उनके डर को निकालकर उन्हें यह विश्वास दिलाना होगा कि,कोशिश बेस्ट करो पर स्कोर इंपोर्टेंट नहीं है। माता पिता की संवेदनशीलता ही बच्चे के अंदर विश्वास जगाएगी,और वह अपने बलबूते आपका नाम रोशन करेगा।