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पाकिस्तान में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर सुसाइड अटैक: 26 की मौत, BLA ने जिम्मेदारी ली

पाकिस्तान के क्वेटा रेलवे स्टेशन पर 9 नवंबर की सुबह हुए भयावह सुसाइड बम हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें 14 सैनिक शामिल हैं, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए। धमाका उस वक्त हुआ जब जाफर एक्सप्रेस, जो क्वेटा से पेशावर जा रही थी, स्टेशन पर पहुंचने वाली थी। हमला बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) द्वारा किए जाने की जिम्मेदारी ली गई है, हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

धमाका: रेलवे स्टेशन पर अफरा-तफरी

हादसे के बाद रेलवे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। प्लेटफॉर्म पर बिखरे हुए सामान और धुएं से भरे वातावरण ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, जब यह धमाका हुआ, तब प्लेटफॉर्म पर 100 से अधिक लोग मौजूद थे, जो ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। यह तब हुआ जब ट्रेन कुछ ही देर में आने वाली थी। ब्लास्ट ने प्लेटफॉर्म के शेड को उड़ा दिया और आसपास का क्षेत्र गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया।

घायलों को क्वेटा के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों की भारी कमी के कारण आसपास के अन्य अस्पतालों से मदद मंगवाई गई। फिलहाल 46 घायलों का इलाज जारी है।

हमले के पीछे कौन है? BLA का दावा

बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA), जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय एक कट्टरपंथी आतंकवादी समूह है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। BLA का कहना है कि यह हमला विशेष रूप से स्टेशन पर तैनात पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने के लिए किया गया था। हालांकि, पाकिस्तान की सरकार ने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन अधिकारियों ने यह माना है कि यह एक सुसाइड बम हमला था।

पिछले कुछ महीनों में BLA द्वारा कई आतंकवादी हमले किए गए हैं, जिनमें रेलवे नेटवर्क पर हमले भी शामिल हैं। बलूचिस्तान में रेलवे पुल को अगस्त में BLA ने उड़ा दिया था, जिसके बाद क्वेटा और पेशावर के बीच रेल सेवा लगभग डेढ़ महीने तक बंद रही। यह धमाका उसी संदर्भ में देखा जा रहा है, क्योंकि 11 अक्टूबर से पुनः दोनों शहरों के बीच ट्रेन सेवा शुरू हुई थी।

पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा का वादा किया है। उन्होंने कहा कि यह हमला पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और आम नागरिकों के खिलाफ एक घृणित कार्य है। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने भी इस घटना के बाद आपातकालीन बैठक बुलाई और तुरंत जांच के आदेश दिए।

पाकिस्तान में आतंकवाद और असंतोष की बढ़ती लहर

यह हमला पाकिस्तान में बढ़ती आतंकवादी घटनाओं और बलूचिस्तान में असंतोष की बढ़ती लहर को भी उजागर करता है। बलूचिस्तान में बीते कुछ वर्षों में बीएलए और अन्य अलगाववादी समूहों ने सरकार और सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमलों को अंजाम दिया है। बलूचिस्तान की असहमति और संघर्ष को लेकर पाकिस्तान सरकार और स्थानीय नेता अब तक कोई ठोस हल नहीं निकाल पाए हैं, जिससे वहां की स्थिति और भी जटिल हो गई है।

इस हमले ने यह साबित कर दिया कि आतंकवाद का खतरा अब न केवल बड़े शहरों तक सीमित है, बल्कि रेलवे स्टेशनों जैसे सार्वजनिक स्थानों तक फैल चुका है। पाकिस्तान के लिए यह और भी गंभीर है क्योंकि यह हमले की प्रकृति सिर्फ एक आतंकवादी घटना नहीं, बल्कि एक आतंकवादी संगठन द्वारा अपनी राजनीतिक और सामाजिक असहमति को बल के जरिए व्यक्त करने का तरीका है।

इस घटना से यह भी साफ हो जाता है कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस और समन्वित रणनीतियों की आवश्यकता है। यह सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है कि आतंकवाद एक ग्लोबल समस्या है, जिसे सामूहिक प्रयासों से ही हराया जा सकता है।