कोचिंग क्लॉस अब 16 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश नहीं दे सकेंगी। कोचिंग में प्रवेश माध्यमिक (10वीं) परीक्षा के बाद ही मिल सकता है। इसके साथ ही कोचिंग में छात्र एक दिन में अधिक्तर पांच घंटे ही पढ़ाई करेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं, सुविधाओं और शिक्षा प्रणाली की कमी की शिकायतों के बाद ये दिशानिर्देश जारी किए हैं।
ये गाइडलाइंस 12वीं के बाद JEE, NEET, CLAT जैसे एंट्रेंस एग्जाम और सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली कोचिंग सेंटर्स के लिए बनाई गई हैं।
जानें कोचिंग सेंटर्स की नई गाइडलाइंस
- 16 से कम उम्र के स्टूडेंट्स का इनरोलमेंट नहीं कर सकते।
- हर कोर्स की ट्यूशन फीस फिक्स होगी, बीच में फीस नहीं बढ़ाई जाएगी, इसके लिए रसीद देनी होगी।
- ट्यूटर्स ग्रेजुएट से कम योग्यता वाले नहीं होंगे।
- अच्छे नंबर और रैंक की गाइंटी नहीं दे सकते।
- इनरोलमेंट सेकेंड्री स्कूल एग्जाम के बाद ही किया जाएगा।
- स्टूडेंट हॉस्टल में रह रहा हो तो हॉस्टल फीस और मेस फीस भी लौटानी होगी।
- ज्यादा फीस वसूले पर रजिस्ट्रेशन रद्द होगा।
- गाइडलाइंस फॉलो न करने पर कोचिंग सेंटर्स पर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
- ट्यूटर भी स्टूडेंट्स को गाइडेंस देने के लिए मेंटल हेल्थ के टॉपिक्स में ट्रेनिंग ले सकते हैं।
- कोचिंग सेंटर में साइकोलॉजिकल काउंसलिंग का चैनल हो।
- साइकोलॉजिस्ट, काउंसलर के नाम और वर्किंग टाइम की जानकारी पेरेंट्स तक पहुचानी पड़ेगी।
- छात्र किसी प्रोब्लम या तनाव में हो तो मदद के लिए सिस्टम बनाना होगा।
- तय समय पहले कोर्स छोड़ने पर 10 दिन में बची फीस वापस करनी होगी।
- मोरल क्राइम के दोषी फैकल्टी में न हो इसका खास ध्यान रखना होगा
इन गाइडलाइंस के जरिए देश में कोचिंग सेंटरों के काम करने का लीगल फ्रेमवर्क तय होगा। शिक्षा विभाग को अब से कोचिंग सेंटरों के काम करने का लीगल फ्रेमवर्क तय होगा। शिक्षा विभाग अब कोचिंग इंस्टिट्यूट्स के छात्रों के लिए को-करिकुलम एक्टिविटीज, करियर गाइडेंस और साइकोलॉजिकल गाइडेंस देने के लिए कोचिंग्स को रेगुलेट करेगा।
शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के लिए गाइडलाइन जारी की हैं। इसके तहत अब कोचिंग इंस्टीट्यूट्स 16 साल से कम उम्र के बच्चों को एडमिशन नहीं दे सकेंगे। इसके अलावा भ्रामक वादे करना और अच्छे नंबरों की गारंटी देने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
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