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The Luo tribe

यौन संबंध से जुड़े अजीबो गरीब रिवाज!

दुनिया भले ही कितना बदल चुकी हो, लेकिन आज भी कई आदिवासी समुदाय समाज से अलग-थलग अपनी अनोखी परंपराओं के साथ रहते हैं। इनमें विवाह और यौन जीवन से जुड़े कई अनूठे रीति-रिवाज देखने को मिलते हैं। पश्चिमी केन्या की लुओ जनजाति, जिसे जोनागी या ओनागी भी कहा जाता है, ऐसी ही एक अनोखी जनजाति है। इनकी आबादी उत्तर में युगांडा और तंजानिया में भी पाई जाती है।

आज इस आर्टिक में हम आपको उनके कुछ अजीबो-गरीब रिवाजों के बारे में बताने वाले हैं। जिन्हें सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे।

विधवा स्त्रियों के लिए अद्भुत परंपरा

लुओ जनजाति में यह प्रथा है कि किसी महिला का पति मर जाता है तो दफनाने से पहले उसे अपने पति के शव के साथ एक ही कमरे में सोना पड़ता है। इस परंपरा के अनुसार, ऐसा करने से विधवा को सपने में अपने मृत पति के साथ प्रेम करते हुए देखा जाता है। इसे शुद्धिकरण प्रक्रिया माना जाता है, जो विधवा को नए जीवन की शुरुआत के लिए तैयार करती है।

झगड़ों को खत्म करने का तरीका

अगर पति-पत्नी के बीच झगड़ा होता है तो महिला खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी या बेलन से अपने पति को मार नहीं सकती। यदि ऐसा गलती से भी हो जाए, तो बुजुर्ग एक विशेष व्रत का आयोजन करते हैं। इस दौरान दोनों को ‘मान्यसी’ नामक हर्बल पेय पिलाया जाता है और उन्हें साथ में शारीरिक संबंध बनाने के लिए बाध्य किया जाता है ताकि झगड़ा खत्म हो सके।

खेती और विवाह से जुड़ी परंपराएँ

पाक की बुवाई या कटाई से पहले पुरुष का अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना जरूरी होता है। लुओ जनजाति में एक से अधिक विवाह की परंपरा है, लेकिन फसल की कटाई या बुवाई से पहले पहली पत्नी के साथ सोना आवश्यक माना जाता है।

एक और प्रथा के अनुसार, शादी के बाद बेटा जब अपनी पत्नी को घर लाता है तो सुहागरात के दौरान उसके माता-पिता भी उसी बिस्तर पर सोते हैं। इसे नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देने का तरीका माना जाता है।

बहन-भाई के लिए नियम

इस जनजाति में छोटी बहन तभी शादी कर सकती है जब बड़ी बहन की शादी हो जाए। अगर बड़ी बहन की शादी से पहले छोटी बहन विवाह कर लेती है, तो उसे समाज से बाहर कर दिया जाता है।

खतना और शुद्धिकरण

लुओ समुदाय में हर महिला का खतना होना अनिवार्य है। यदि कोई महिला खतना नहीं करवाती तो उसे अपशकुन माना जाता है और पुरुष ऐसे महिलाओं से दूर रहते हैं। बिना खतना की महिलाओं को खेती के काम में शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उनके आने से फसल खराब हो जाएगी।

इन परंपराओं से लुओ जनजाति का सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन बेहद अलग और अनूठा नजर आता है।