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Friday, December 20   4:46:17

मेरठ में पं. प्रदीप मिश्रा की कथा में भगदड़, भीड़ अनियंत्रित होने से हज़ारों लोग घायल

मेरठ में शुक्रवार को पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के दौरान भगदड़ मच गई, जिससे कई महिलाएं और बुजुर्ग दब गए। यह घटना शताब्दी नगर में हो रही कथा के छठे दिन, दोपहर के समय घटी, जब करीब एक लाख श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे थे। इस दौरान बाउंसर्स द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिशें विफल हो गईं, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई और भगदड़ शुरू हो गई।

कथा स्थल पर आ रहे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बाउंसर्स ने एंट्री में रोक-टोक की, लेकिन इसकी वजह से भीड़ अधिक उत्तेजित हो गई। एंट्री को लेकर हुए झगड़े में महिलाओं को अंदर जाने से रोका गया, जिससे पीछे खड़ी भीड़ ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी। इस दौरान कई महिलाएं गिर गईं और गंभीर रूप से घायल हो गईं। घटना के बाद पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच झड़प भी हुई।

कथा स्थल पर पहले भी भगदड़ मच चुकी थी। सुबह 9.30 बजे भीड़ में भगदड़ मची थी, जब लोग वीआईपी पास पाने के लिए इकट्ठा हुए थे। हालांकि, यह स्थिति जल्दी शांत हो गई, लेकिन दोपहर को फिर से भगदड़ की घटना घटी।

इस हादसे के बाद, अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस की तैनाती बढ़ा दी। कथा स्थल पर 1000 पुलिसकर्मी, ड्रोन निगरानी और 5000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके बावजूद, इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या आयोजकों ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए थे?

यह घटना दिखाती है कि धार्मिक आयोजनों में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अगर सही सुरक्षा प्रबंध नहीं किए जाते, तो इस तरह के हादसे हो सकते हैं। इससे पहले जुलाई में हाथरस में भी ऐसी ही भगदड़ में 123 लोग मारे गए थे। इस प्रकार की घटनाएं दर्शाती हैं कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी आयोजकों पर बनती है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है। यदि आयोजक और पुलिस मिलकर तगड़े सुरक्षा इंतजाम करें, तो इन घटनाओं से बचा जा सकता है।