CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Thursday, November 7   5:41:52

श्रीलंका नहीं चुकाएगा विदेशी कर्ज

12 April 2022

इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के हालात सुधरते दिखाई नहीं दे रहे हैं। चीन समेत कई देशों के कर्ज के जाल में फंसे द्विपीय देश ने मंगलवार को एक बड़ी घोषणा करते हुए घोषणा की कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से फंड को लेकर कोई निष्कर्ष निकलने से पहले 51 अरब डॉलर (3 लाख 88 हजार करोड़ रुपये) के विदेशी कर्ज को चुकाने में असमर्थ है।

आईएमएफ के साथ होनी है बैठक
गौरतलब है कि फंड को लेकर श्रीलंका की आने वाली 18 अप्रैल को आईएमएफ के साथ वाशिंगटन में बातचीत होने वाली है। श्रीलंका के वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया कि इस बैठक से पहले हम किसी भी तरह का कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं और दक्षिण एशियाई राष्ट्र को कर्ज देने वाली विदेशी सरकारों सहित सभी लेनदार मंगलवार दोपहर से किसी भी ब्याज भुगतान को भुनाने या श्रीलंकाई रुपये में भुगतान का विकल्प चुनने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। यानी उसने साफ कर दिया है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार पूरी तरह से खत्म हो चुका है और जिन देशों ने उसे कर्ज दिया है वो श्रीलंकाई रुपये में कर्ज की राशि वापस ले सकते हैं, क्योंकि देश डॉलर में भुगतान करने की स्थिति में नहीं है।

वित्त मंत्री ने कही है ये बड़ी बात
बीते शनिवार को श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने कहा था कि देश में गंभीर आर्थिक संकट से निपटने के लिए ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बहाल करने में मदद के लिए श्रीलंका को अगले छह महीनों के भीतर लगभग तीन अरब डॉलर (22 हजार 500 करोड़ रुपये) की बाहरी सहायता की जरूरत होगी। गौरतलब है कि 2.2 करोड़ की जनसंख्या वाले द्विपीय देश में आर्थिक हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लोग खाने-पीने और रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के लिए भी मोहताज हो गए हैं।

लगातार बिगड़ रहे देश के हालात
देश में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। लोगों को एक ब्रेड का पैकेट भी 0.75 डॉलर (150) रुपये में खरीदना पड़ रहा है। यहीं नहीं मौजूदा समय में एक चाय के लिए लोगों के 100 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले साल 30 अगस्त को, श्रीलंका सरकार ने मुद्रा मूल्य में भारी गिरावट के बाद राष्ट्रीय वित्तीय आपातकाल की घोषणा की थी और उसके बाद खाद्य कीमतों में काफी तेज बढ़ोतरी हुई। देश में एक किलो मिर्च की कीमत 710 रुपये हो गई, एक ही महीने में मिर्च की कीमत में 287 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं बैंगन की कीमत में 51 फीसदी बढ़ी, तो प्याज के दाम 40 फीसदी तक बढ़ गए। एक किलो आलू के लिए 200 रुपये तक चुकाने पड़े।

महंगाई ने तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड
देश के विदेशी मुद्रा संकट के बीच पेट्रोलियम की कीमतें आसमान छू गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका की सरकार के पार पेट्रोल और डीजल खरीदने के लिए विदेशी मुद्रा नहीं बची है जिससे ये संकट और भी गहरा गया है। कुछ दिनों पहले श्रीलंका से ऐसी तस्वीरे आईं कि लोग पेट्रोल खरीदने के लिए पेट्रोल पंप पर टूट पड़े हैं और लोगों को नियंत्रित करने के लिए सेना बुलानी पड़ी। हजारों लोग घंटों तक कतार में इंतजार करके तेल खरीद रहे हैं। देश में डॉलर की कमी ने सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है। देश में फरवरी में महंगाई 17.5 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई जो कि पूरे एशिया में सबसे ज्यादा है।

भारत लगातार कर रहा मदद
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंकाई लोगों को पारंपरिक राष्ट्रीय नव वर्ष मनाने में मदद करने के लिए भारत से 11,000 मीट्रिक टन चावल की एक खेप मंगलवार को श्रीलंका पहुंची। श्रीलंका के लोग 13 और 14 अप्रैल को सिंहल और तमिल नव वर्ष मनाएंगे। यह देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। भारतीय उच्चायोग के एक बयान में कहा गया है कि श्रीलंका के लोगों द्वारा नए साल के जश्न से पहले भारत से चावल की खेप जहाज पर कोलंबो पहुंच गई। गौरतलब है कि 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।