रक्षाबंधन के त्योहार में राखियां सिर्फ एक डोर नही भाईयो के प्रति बहर का प्यार और ढेर सारे आशीर्वाद और दुआओ का बंधन है जो बहने अपने भाई के हाथो में बांधती है। ऐसे में जब ये डोर बनाने वाले खास हो तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इसी सोच के साथ वडोदरा शहर के “स्पेको ब्रेनी फाउंडेशन” के दिव्यांग छात्रों ने इस रक्षाबंधन पर अनोखी पहल की है। इन विशेष छात्रों ने अपने हाथों से राखियाँ बनाई हैं, जिन्हें वडोदरा के अरुणाचल बस स्टॉप के पास एक दुकान में प्रदर्शित किया गया है। इन राखियों की बिक्री और हिसाब किताब का पूरा जिम्मा भी इन्हीं छात्रों ने संभाला है।
स्पेको ब्रेनी फाउंडेशन ने इन छात्रों की प्रतिभा को उजागर करने के लिए इस अनोखी पहल की शुरुआत की है। राखियों के साथ-साथ इन बच्चों ने हाथ से बने लाइट लैंब, पेपर बैग, पेंटिंग्स और अन्य हैंडमेड चीज़ें तैयार की हैं। ये सभी वस्तुएं उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण हैं।
पुष्पा इंपॉसिबल में गोलू का किरदार निभाने वाले कलाकार हंस असलोट भी इस फाउंडेशन से जुड़े है, डिस्प्ले किए गए पेपर बैग और लाइट लैंप हंस द्वारा ही बनाए गए है। हंस Sab TV के एक लोकप्रिय टीवी शो ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ में गोलू के किरदार के लिए जाने जाते हैं। उनकी इस कला ने न केवल प्रदर्शनी को और अधिक रोचक बनाया है, बल्कि दिव्यांग छात्रों को प्रेरणा भी दी है।
स्पेको ब्रेनी फाउंडेशन के इस प्रयास से यह स्पष्ट होता है कि दिव्यांगता किसी की प्रतिभा या क्षमता को सीमित नहीं करती। इन छात्रों ने अपनी मेहनत और कला से यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। इस रक्षाबंधन पर वडोदरा के निवासियों से अपील की जा रही है कि वे इस प्रदर्शनी में जाकर इन छात्रों का उत्साहवर्धन करें और उनकी बनाई हुई वस्तुओं को खरीदकर उन्हें प्रोत्साहित करें।
दुकान में लगी यह प्रदर्शनी रक्षाबंधन के दिन तक खुली रहेगी, जहां शहरवासी जाकर इन अनोखी राखियों और अन्य वस्तुओं को खरीद सकते हैं। इन छात्रों की मेहनत और कला को सराहते हुए, यह रक्षाबंधन वडोदरा के लिए विशेष बन जाएगा
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