Diwali 2024: इस साल दिवाली का त्योहार 28 अक्टूबर से लेकर 6 नवंबर तक धूमधाम से मनाया जाएगा, जो हिंदू पंचांग के अनुसार एक विशेष अवसरों से भरा हुआ रहेगा। दिवाली के इस पावन पर्व की शुरुआत वागबारस से होगी और बेताब प्रतीक्षित नववर्ष का स्वागत लाभ पंचमी पर किया जाएगा। आइए जानते हैं, इस दिवाली से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियाँ, शुभ मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
धनतेरस: 29 अक्टूबर 2024
धनतेरस का पर्व इस साल 29 अक्टूबर को सुबह 10:32 बजे से शुरू होगा। यह दिन विशेष रूप से सोना-चांदी और बर्तन खरीदने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन का धार्मिक महत्व यह है कि इस दिन धन के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो घर में समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद लाते हैं।
धनतेरस के शुभ मुहूर्त:
- दोपहर 3:13 से 4:38 तक
- रात 7:34 से 9:01 तक
काली चौदस: 30 अक्टूबर 2023
काली चौदस या नरक चतुर्दशी दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था, जिससे यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से काली माता और हनुमान जी की पूजा की जाती है, ताकि बुरी शक्तियों से रक्षा हो सके।
काली चौदस के शुभ मुहूर्त:
- दोपहर 1:16 से 3:53 तक
- शाम 6:01 से रात 9:37 तक
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दीपावली: 31 अक्टूबर 2023
दीपावली का मुख्य पर्व 31 अक्टूबर को दोपहर 3:53 बजे से शुरू होगा। यह सबसे महत्वपूर्ण दिन है जब लक्ष्मी पूजन और गणेश पूजन किया जाता है। इस दिन दीप जलाकर घर के हर कोने को रोशन किया जाता है, जिससे माता लक्ष्मी का आगमन हो और घर में धन-धान्य की कमी न रहे।
दीपावली के शुभ मुहूर्त:
- शाम 4:37 से 6:01 तक (शुभ चोगड़िया)
- रात 9:12 तक (चोपड़ा पूजन)
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गोवर्धन पूजा: 1 नवंबर 2023
दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, जो भगवान कृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा से जुड़ी है। इस दिन लोग अपने घरों में गोवर्धन पूजा करके भगवान कृष्ण को धन्यवाद देते हैं और अन्नकूट का आयोजन किया जाता है।
नववर्ष (बेसता वर्ष): 2 नवंबर 2023
हिंदू पंचांग के अनुसार, नया वर्ष 2 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन को ‘बेसता वर्ष’ या ‘वर्ष प्रतिपदा’ के रूप में जाना जाता है। व्यापारी वर्ग के लोग इस दिन अपने नए खाता-बही (चोपड़ा) की पूजा करते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं। सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक के बीच शुभ मुहूर्त का समय होगा, जिसमें पूजा करना अत्यधिक फलदायक माना जाता है।
लाभ पंचमी: 6 नवंबर 2023
लाभ पंचमी को दिवाली के पांचवें दिन के रूप में मनाया जाता है, जो विशेष रूप से व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन नए व्यापार की शुरुआत करना, खाता-बही की पूजा करना और लक्ष्मी जी का आशीर्वाद लेना अत्यंत शुभ माना जाता है।
लाभ पंचमी के शुभ मुहूर्त:
- सुबह 6:47 से 8:11 तक (लाभ चोगड़िया)
- सुबह 9:31 से 11:00 तक (अमृत चोगड़िया)
दिवाली 2024 का यह पर्व केवल रोशनी और खुशी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह शुभ कार्यों के लिए एक सुनहरा अवसर भी प्रदान करता है। विभिन्न शुभ मुहूर्त के अनुसार पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने से घर और व्यापार में समृद्धि बनी रहती है।
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