देश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम शामिल है।
यह मामला भले ही नया न हो, लेकिन ताजा रिपोर्ट ने एक बार फिर सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है। ED ने यह चार्जशीट कोर्ट में पेश की है, जिसमें कथित तौर पर नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े वित्तीय लेन-देन और धन शोधन (money laundering) से जुड़ी जानकारियाँ शामिल हैं।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड एक ऐतिहासिक अखबार है, जिसकी स्थापना आजादी के आंदोलन के दौरान की गई थी। लेकिन समय के साथ यह अखबार विवादों में घिर गया। आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने इस अखबार से जुड़ी संपत्ति को कम कीमत में एक नई कंपनी के नाम पर ट्रांसफर किया, जिससे कथित रूप से बड़े पैमाने पर लाभ उठाया गया।
राजनीति में तूफान की आहट
ED की यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जब लोकसभा चुनाव की तैयारियाँ जोरों पर हैं। ऐसे में विपक्षी दल इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहे हैं, जबकि सत्ता पक्ष इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बता रहा है।
जनता का क्या?
सवाल यह उठता है कि क्या इस केस से देश की राजनीति की दिशा बदलेगी? क्या इससे कांग्रेस की साख पर असर पड़ेगा या यह सिर्फ एक और राजनीतिक ड्रामा बन कर रह जाएगा?
अब सबकी नजरें कोर्ट की अगली सुनवाई और ED की जांच की अगली चाल पर टिकी हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारतीय राजनीति में कुछ भी स्थिर नहीं है यहाँ हर दिन एक नया मोड़ लेकर आता है।

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