देश में मौसम पूरी तरह से बेपटरी नजर आ रहा है। कहीं आसमान बिजली की गर्जना के साथ कहर बरपा रहा है, तो कहीं जमीन पर सूरज आग उगल रहा है। पिछले 24 घंटे में उत्तर भारत के कई राज्यों में ऐसा मौसम तांडव देखने को मिला जिसने जान-माल का भारी नुकसान कर डाला।
यूपी में बारिश बनी काल, 13 की मौत
गुरुवार को उत्तर प्रदेश में तेज आंधी और बिजली गिरने से अलग-अलग घटनाओं में 13 लोगों की जान चली गई। अयोध्या में छह, बाराबंकी में पांच, जबकि अमेठी और बस्ती में एक-एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है। कुछ हादसों में ट्रॉली के पलटने और दीवार गिरने से जानें गईं। यूपी में आज फिर 37 जिलों में बारिश और आंधी का अलर्ट जारी किया गया है।
हिमाचल में 80 किमी/घंटा की रफ्तार से आया तूफान
हिमाचल प्रदेश में बुधवार की आधी रात तूफान ने जबरदस्त तबाही मचाई। 60 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने घरों की छतें उड़ा दीं, पेड़ उखड़ गए और बिजली के खंभे धराशायी हो गए। आधे प्रदेश में ब्लैकआउट जैसी स्थिति बन गई है। सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है और किसानों की चिंता अब आसमान छूने लगी है। IMD ने 20 अप्रैल तक ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी किया है।
राजस्थान में ‘तंदूर’ बना मौसम, 45 डिग्री तक चढ़ा पारा
राजस्थान के बीकानेर और बाड़मेर में पारा गुरुवार को 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। प्रदेश के 9 जिलों में लू और धूल भरी आंधी की चेतावनी है। हालात को देखते हुए कई जिलों में स्कूलों का समय बदला गया है। हालांकि, राहत की बात यह है कि आने वाले 2-3 दिनों में उत्तरी हवाओं के कारण पारा 2 से 4 डिग्री तक गिर सकता है।
एमपी के 20 शहरों में 40 डिग्री पार, घर में रहने की सलाह
मध्यप्रदेश भी गर्मी से झुलस रहा है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन समेत 20 से ज्यादा शहरों में तापमान 40 डिग्री से ऊपर चला गया है। गर्म हवाओं और तेज धूप के चलते स्वास्थ्य विभाग ने दोपहर के समय घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
बिहार, हरियाणा और पंजाब में भी मौसम का अजीब रंग
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बिहार के 23 जिलों में आंधी-बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी है। 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
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हरियाणा में 6 जिलों में आंधी-तूफान की संभावना है। नारनौल राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा।
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पंजाब के 13 जिलों में बारिश और तूफान का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बठिंडा सबसे गर्म शहर बना हुआ है।
232% ज्यादा बारिश और टूटी उम्मीदें
हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 232% ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। जहां 3.4 मिमी होनी चाहिए थी, वहां 11.3 मिमी बरसात हुई। इससे न्यूनतम तापमान में 6 डिग्री तक की गिरावट दर्ज हुई, लेकिन किसानों के लिए यह कोई राहत नहीं, बल्कि आफत साबित हो रही है। सेब की फसल के लिए लगाए गए हेल नेट तेज हवाओं में फट गए और गेहूं की फसल चौपट हो गई।
अब मौसम सिर्फ मौसम नहीं रहा
अब यह बात कहने का समय आ गया है कि मौसम सिर्फ प्राकृतिक घटना नहीं, बल्कि चेतावनी बन चुका है। यह बदलाव एक संकेत है—जलवायु परिवर्तन का, हमारी लापरवाहियों का। जब अप्रैल के महीने में कोई राज्य तपे और कोई बह जाए, तो समझिए कुछ तो गड़बड़ है। हमें पर्यावरण के साथ रिश्ते को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है। पेड़ लगाने, जल संरक्षण और सौर ऊर्जा जैसे कदम अब ‘विकल्प’ नहीं, ज़रूरत हैं।
आपकी राय क्या है? क्या आपने अपने शहर में मौसम का कोई अजीब रंग देखा है? नीचे कमेंट में बताएं।

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