दिल्ली, जो अपने तेज़-तर्रार जीवन और असीम संभावनाओं के लिए जानी जाती है, एक बार फिर ऐसी घटना का गवाह बनी जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। एक मासूम बच्ची, जिसे दुनिया देखने का अभी बहुत कुछ बाकी था, उसे एक ऐसा दर्द सहना पड़ा जो शब्दों में बयान करना मुश्किल है।
कैसे हुआ यह खौफनाक अपराध.? पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, बच्ची अपने ही घर में सुरक्षित महसूस कर रही थी, लेकिन उसके पिता के दोस्त ने इस विश्वास को तोड़ते हुए एक जघन्य अपराध को अंजाम दिया। छोटी-सी बात पर वह इस कदर वहशी बन गया कि उसने मासूम की हत्या कर दी। कहा जा रहा है कि उसने टीवी के रिमोट को लेकर हुए झगड़े के बाद इस भयावह कदम को उठाया।
भरोसे का गला घोंट दिया गया!
पिता के दोस्त को घर के सदस्य की तरह सम्मान मिला था। लेकिन किसे पता था कि उसी व्यक्ति के हाथों मासूम का गला रेंता जाएगा? यह घटना न केवल उस परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है – क्या अब किसी पर भरोसा करना सही होगा?
पुलिस की जांच और समाज के लिए सबक पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ जारी है। इस घटना ने एक बार फिर समाज को चेतावनी दी है कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चों को न केवल बाहरी खतरों से बचाने की जरूरत है, बल्कि घर के अंदर मौजूद संभावित खतरों से भी सावधान रहना होगा।
कब रुकेगा यह वहशियाना सिलसिला.? समाज में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए सख्त कानूनों के साथ-साथ नैतिक मूल्यों को मजबूत करने की जरूरत है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि सिर्फ अपराधियों को सज़ा देना काफी नहीं, बल्कि हमें अपनी मानसिकता को भी बदलना होगा। बच्चों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी केवल माता-पिता की नहीं, बल्कि पूरे समाज की होती है।
क्या हम एक ऐसा माहौल बना सकते हैं जहां मासूम बच्चे बिना किसी डर के जी सकें? यह सवाल हम सबके लिए है!

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