CATEGORIES

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
Sunday, February 23   3:25:31
bangladesh pm shekh hasina

बांग्लादेश में आरक्षण की जंग शेख हसीना भी देखकर हुई दंग!

बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन इतना भड़क गया कि लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और पीएम शेख हसीना को भी इस्तिफा देखकर बांग्लादेश से भागना पड़ा। लेकिन, आखिर ऐसा क्या हुआ क्या वजह रही, ये आंदोलन शुरू हुआ और इतना भड़क गया। इस आंदोलन के पीछे किसका हाथ है। कोन है वो छात्र नेता जिन्होने शेख हसीना की सरकार को गिरा दिया।

बांग्लादेश में इस वक्त जो कुछ हो रहा है इसकी शुरुआत कुछ हफ़्ते पहले हो चुकी थी। कभी सरकारी नौकरी तो कभी आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश के तमाम शहर में पिछले कुछ हफ्तों से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। बांग्लादेश में सरकारी नौकरी और आरक्षण में अनियामित्ताओ के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो उठा। हिंसा में अब तक 300 लोगो की मौत हो चुकी है। कुछ दिनों पहले ढाका में लाठियाँ और पत्थरों से लेस हजारों छात्र सशस्त्र पुलिस बालों से भिड़ गए थे।

प्रदर्शन को दबाने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि विरोध प्रदर्शन छात्रो द्वारा नहीं बल्की आतंकवादियो द्वारा किया जा रहा है जो देश को अस्थिर करना चाहते हैं। उन्हें छात्रों से भी कहा कि हम उनसे बात चीत करें और विरोध प्रदर्शन ना करें। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर छात्रों की सरकार से क्या मांग है और बांग्लादेश में सरकार नौकरी को लेकर आरक्षण का क्या कानून है।

आरक्षण की पूरी कहानी

बांग्लादेश में आरक्षण प्रक्रिया के तहत 56 प्रतिशत सरकारी नौकरी आरक्षित हैं। 30% आरक्षण साल 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए रिजर्व है। वही 10 प्रतिशत आरक्षण पिछड़े प्रशासनिक जिलों के लिए और 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षण आरक्षित है। इसके अलावा पांच प्रतिशत आरक्षण जाति अल्पसंख्यक समूह के लिए और एक प्रतिशत दिव्यांग लोगों के लिए आरक्षित है।

अब जान लेते हैं कि आरक्षण को लेकर विवाद है क्या?

सभी आरक्षण नियमों में से 30 प्रतिशत आरक्षण को लेकर विचार करें। जो स्वतंत्रता सेनानियों के वंशो को दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्रों का कहना है कि सरकार उन लोगों को आरक्षण देने के पक्ष में है। जो शेख हसीना की सरकार का समर्थन करती है। छात्रों का आरोप है कि योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी नहीं दी जा रही है।

क्या आंदोलन में जो छात्र नेता हैं, जिनकी वजह से शेख हसीना की सरकार गिरी है, उन छात्रों का नाम नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबू बकर मजूमदार बताया जा रहा है। बांग्लादेश में इस आंदोलन ने ऐसा भीषण रूप लिया है जिसकी वजह से कई जानें गई। इसके अलावा शेख हसीना को भी देश छोड़ कर भागना पड़ा।

अब इस मामले में नई खबर आ रही हैं.. सुत्रों के हवाले से खबर मिल रही है ये सब पाकिस्तान की साजिश है। प्रदर्शनकारियों ने हसीना शेख के इस्तिफे के बाद जश्न मनाया। इतना ही नहीं हिंदू अल्पसंख्यको पर हमला किया.. पुलिस को भी नहीं छोड़ा। पीएम आवास में घुस कर हंगामा किया..ऐसे में सबसे अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं।