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Tuesday, February 11   7:59:10

महाराष्ट्र की हॉट सीट पर शरद का ‘पावर गेम’, अजित के खिलाफ ‘भतीजे’ ने बनाया चुनाव दिलचस्प!

महाराष्ट्र की कई सीटों पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। इसमें बारामती विधानसभा सीट भी सबसे चर्चित सीट है। यहां से अजित पवार दोबारा चुनाव मैदान में हैं, जो 1991 से लगातार यहां से जीतते आ रहे हैं, लेकिन इस बार स्थिति उलट है। पिछले साल ही उन्होंने अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी थी और एनडीए गठबंधन में शामिल हो गये थे। वह 40 विधायकों को अपने साथ ले आए और फिर एनसीपी उनकी हो गई। अब शरद पवार की अध्यक्षता वाले समूह की पहचान एनसीपी-शरदचंद्र पवार के रूप में की जाती है। इस तरह परिवार से लेकर पार्टी तक समीकरण बदल गए हैं और इसका असर सबसे ज्यादा बारामती विधानसभा सीट पर दिख रहा है।

अभी तक अजित पवार एकजुट एनसीपी से विधायक चुने गए हैं। इस बार वह अपनी ही पार्टी से उम्मीदवार हैं और चाचा शरद पवार ने भी उनके खिलाफ भतीजे का कार्ड खेला है। एनसीपी-एसपी ने बारामती से अजित पवार के खिलाफ युगेंद्र पवार को मैदान में उतारा है। युगेंद्र पवार शरद पवार के पोते और अजीत पवार के बड़े भाई श्रीनिवास के बेटे हैं। इस तरह अजित पवार ने चाचा शरद पवार से अलग रुख अपनाया। इसी तरह शरद पवार ने अजित के खिलाफ अपने ही भतीजे को चुनाव मैदान में उतार दिया है। अब सवाल ये है कि क्या भतीजों की इस लड़ाई में नतीजे बदलेंगे?

सारा काम अजित दादा ने किया…

इस बीच अजित पवार ने अपने बेटे पार्थ को चुनाव प्रचार में उतार दिया है। बारामती में चुनाव प्रचार के दौरान पार्थ ने कहा, ’30 साल से यहां विकास हुआ है और ये सब काम अजीत दादा ने किया है। 90 के दशक से बारामती के लोग लगातार देख रहे हैं कि विकास कितनी तेजी से हो रहा है।’ इस दौरान जब उनसे लोकसभा चुनाव की लड़ाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह एक भावनात्मक मुद्दा बन गया है। इस बार ऐसा नहीं होगा। अब लोग प्रैक्टिकल होकर सोच रहे हैं।

लोकसभा चुनाव में बारामती में भी दिलचस्प मुकाबला

लोकसभा चुनाव में बारामती में भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला। यहां अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा को मैदान में उतारा, जबकि शरद पवार गुट से शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को मैदान में उतारा। आख़िरकार जब नतीजा आया तो सुनेत्रा को हार का सामना करना पड़ा। तब अजित पवार ने यह भी कहा था कि जो लोग अपने परिवार से अलग हो जाते हैं, लोग उनका साथ नहीं देते। उन्होंने कहा कि बहन के सामने पत्नी को मैदान में उतारना मेरी गलती थी। शरद पवार गुट ने उन पर तंज कसते हुए कहा कि हार के बाद ही अजित पवार को इस बात का एहसास हुआ।