Women Safety in World:हालही में आई एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया गया है, जिससे भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं, खासकर हाल ही में कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के बाद। इन घटनाओं ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियानों की वास्तविकता पर सवाल खड़े किए हैं। महिला सुरक्षा के लिए बड़े सुधारों के बावजूद, भारत वैश्विक सूचकांकों में पिछड़ा हुआ है।
वैश्विक रिपोर्ट का चौंकाने वाला खुलासा
हालिया अध्ययन के अनुसार, महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित देश डेनमार्क है, जबकि अफगानिस्तान महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक देश माना गया है। इस रिपोर्ट ने 2017 से 2023 तक महिला सुरक्षा पर दुनिया भर के देशों का विश्लेषण किया और बताया कि शीर्ष 12 देशों में सभी विकसित देश हैं। नॉर्डिक देश इस सूची में प्रमुख स्थान पर हैं, जबकि भारत 128वें स्थान पर है।
महिला सुरक्षा सूचकांक: भारत की स्थिति बेहद खराब
महिला सुरक्षा सूचकांक में, भारत का स्कोर निराशाजनक है। अध्ययन में महिलाओं के समावेशन, न्याय और सुरक्षा को प्रमुख मापदंडों के रूप में देखा गया। भारत का दक्षिण एशिया में 5वां स्थान है, जबकि श्रीलंका इस क्षेत्र में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला देश है। वैश्विक रैंकिंग में भारत 128वें स्थान पर है, जो छोटे और पिछड़े देशों जैसे टोगो और लेबनान के बराबर है।
हालांकि भारत में महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और अवसर मिल रहे हैं, लेकिन यौन हिंसा, बलात्कार और घरेलू हिंसा के मामलों में न्याय प्रणाली की स्थिति अभी भी खराब है। इस रिपोर्ट ने भारत में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है, ताकि महिलाओं को एक सुरक्षित और समान समाज मिल सके।
दक्षिण एशिया में भारत की स्थिति कमजोर
रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दक्षिण एशियाई देशों में श्रीलंका महिलाओं के लिए सबसे अच्छा देश है, इसके बाद मालदीव और भूटान का स्थान आता है। नेपाल भी इस मामले में भारत से आगे है, जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश की स्थिति और भी चिंताजनक है।
महिला सुरक्षा पर भारत में सुधार की धीमी गति
यह रिपोर्ट इस बात पर भी जोर देती है कि भारत में महिला सुरक्षा को लेकर बड़े सुधार केवल कागजों तक सीमित हैं। न्याय प्रणाली और कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की कमी महिलाओं को एक सुरक्षित जीवन जीने से रोक रही है। भारत में यौन हिंसा और बलात्कार के मामलों में तेजी से सुधार की जरूरत है ताकि महिलाओं को सुरक्षा, न्याय और सम्मान मिल सके।
इस वैश्विक रिपोर्ट ने भारत को एक चेतावनी दी है कि महिला सुरक्षा के मामले में और अधिक सख्त कदम उठाने की जरूरत है। जब तक न्याय प्रणाली में सुधार नहीं होता और महिलाओं को सही सुरक्षा नहीं मिलती, तब तक भारत इस रैंकिंग में पीछे ही रहेगा।
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