CATEGORIES

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
Wednesday, October 30   4:20:24
Shaligram stone

सोने की शुद्धता जांचने का प्राचीन साधन, गंडकी नदी का शालिग्राम पत्थर

आप जब भी कभी सोनार की दुकान में सोना या चांदी लेने जाते हैं तो वे सोने-चांदी की परख करने के लिए उसे एक काले पत्थर पर रगड़ कर दिखाते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि वो काला पत्थर ऐसा कौन सा पत्थर होता है जिससे सोने के असली या नकली होने की पहचान की जाती है!

शालिग्राम पत्थर का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। इसका उपयोग धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टियों से किया जाता है, लेकिन धातुओं की शुद्धता परखने में यह एक अद्वितीय साधन के रूप में खास प्रसिद्ध है। इस पत्थर का प्रयोग विशेषकर गंडकी नदी के किनारे से मिलने वाले शालिग्राम पर किया जाता है, जो सोना, चांदी और अन्य धातुओं की शुद्धता की जांच में अहम भूमिका निभाता है।

गंडकी नदी से मिलने वाला शालिग्राम पत्थर अनूठा माना जाता है। इस परंपरागत पत्थर का उपयोग धातुओं की शुद्धता परखने के लिए किया जाता है, खासकर सोने के लिए। यह पत्थर विशेष रूप से एक ‘टचस्टोन’ या परीक्षण पत्थर का काम करता है, जिस पर सोने की गुणवत्ता और शुद्धता की जांच होती है। चाहे कोई कितना भी नया और आधुनिक शोध कर ले, भारतीय व्यापारी शालिग्राम पर हुए परीक्षण को अधिक भरोसेमंद मानते हैं।

कैसे होता है धातु परीक्षण?

शालिग्राम पत्थर का उपयोग एक विशेष परीक्षण प्रक्रिया के तहत होता है। एक धातु को पत्थर पर रगड़ा जाता है, जिससे एक रंग या चिह्न बनता है। इस चिह्न के आधार पर व्यापारी यह अंदाज़ा लगाते हैं कि धातु में कितनी शुद्धता है। यह परंपरा भारत में सदियों से चली आ रही है और लोगों का मानना है कि यह पत्थर, विशेष रूप से गंडकी नदी से प्राप्त शालिग्राम, ईश्वर प्रदत्त वस्तु है, जिसमें अपार शक्ति है।

आधुनिक युग में शालिग्राम का महत्व

आज के युग में आधुनिक तकनीक और कंप्यूटरों का उपयोग धातु की संरचना जानने के लिए किया जाता है। फिर भी, पुराने व्यापारी इस शालिग्राम पत्थर पर भरोसा करना नहीं छोड़ते। इसके अलावा, एंटीक वस्त्रों का व्यापार करने वाले व्यापारी भी इस पत्थर की सहायता से अपने सामान की जांच करते हैं। शालिग्राम पत्थर की यह महत्ता इस बात का प्रमाण है कि आधुनिकता के साथ-साथ परंपराओं का भी विशेष महत्व है।

शालिग्राम: श्रद्धा और आस्था का प्रतीक

शालिग्राम पत्थर को केवल परीक्षण के लिए ही नहीं, बल्कि श्रद्धा और आस्था के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है। लोगों का विश्वास है कि यह पत्थर भगवान विष्णु का स्वरूप है, और इसमें विशेष दिव्यता है। लोग इसे अपने घरों में पूजते हैं और इसे पवित्र मानते हैं।

शालिग्राम पत्थर एक ऐसा अद्वितीय पत्थर है जो प्राचीन परंपरा और आधुनिक परीक्षण का मिश्रण है। चाहे सोने का परीक्षण हो या किसी एंटीक वस्तु का मूल्यांकन, लोग शालिग्राम पत्थर पर विश्वास करते हैं। यह केवल एक परीक्षण पत्थर नहीं, बल्कि आस्था का प्रतीक भी है, जो भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों से जुड़ा हुआ है।