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Tuesday, February 4   11:01:07

महाकुंभ पर मंडराया खतरे का साया , बम विस्फोट की धमकी से मचा हड़कंप

प्रयागराज के महाकुंभ मेले को लेकर सोशल मीडिया पर धमकियों का सिलसिला जारी है। एक नए पोस्ट में, एक शख्स ने महाकुंभ में बम विस्फोट करने की धमकी दी और कहा, “1000 हिंदुओं को मारेंगे।” यह धमकी एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर नसर पठान नामक आईडी से दी गई, जिसमें लिखा था कि सभी लोग अपराधी हैं और महाकुंभ में हमले की योजना बनाई जा रही है। पोस्ट में नफरत और हिंसा की बातें की गई हैं, जिससे स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं।

31 दिसंबर को, विपिन गौर नामक युवक ने इस धमकी को डायल-112 यूपी पुलिस को टैग कर री-ट्वीट किया, और स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। पुलिस कमिश्नर और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सूचित किया गया, और फिलहाल, पोस्ट करने वाले व्यक्ति की पहचान की कोशिश की जा रही है।

यह धमकी महाकुंभ से ठीक पहले आई है, जो 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। अनुमान है कि इस साल करीब 50 करोड़ लोग इस धार्मिक आयोजन में शामिल होंगे, जिससे सुरक्षा की चुनौती और भी बढ़ गई है। इसके पहले, 24 दिसंबर को खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी महाकुंभ में हमले की धमकी दी थी।

सुरक्षा को लेकर महाकुंभ में इस बार विशेष तैयारी की गई है। लगभग 56 थाने और 144 चौकियां बनाई गई हैं, और सुरक्षा बलों की तैनाती में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। इसमें 18,479 पुरुष पुलिसकर्मी, 1,378 महिला पुलिसकर्मी, 1,405 ट्रैफिक पुलिसकर्मी, और 1,158 सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, जल पुलिस, घुड़सवार पुलिसकर्मी और होम गार्ड्स की भी तैनाती की गई है।

धार्मिक आयोजनों में हमेशा से ही विविधता और धर्मनिरपेक्षता का समावेश रहा है, और हमें इसे पूरी तरह से सुरक्षित और शांतिपूर्वक संपन्न करने के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों पर विश्वास करना चाहिए।महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन को लेकर इस तरह की धमकियां न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती प्रस्तुत करती हैं, बल्कि समाज में तनाव और भय भी फैला सकती हैं। हालांकि, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारा सुरक्षा तंत्र हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और हमें उन पर विश्वास रखना चाहिए। यह समय एकजुटता और शांति का है, और हमें ऐसे प्रयासों का विरोध करना चाहिए जो हमारी सामाजिक समरसता और धर्मनिरपेक्षता को खतरे में डालें।