‘सेक्स’—यह शब्द प्रेम की तरह मात्र ढाई अक्षरों का है, लेकिन इसका जीवन के युवा जोश से गहरा संबंध है। वास्तव में, सेक्सुअली एक्टिव रहना किसी भी उम्र में जीवन से भरपूर होने का प्रतीक माना जाता है। जब किसी व्यक्ति के जीवन में यौन इच्छाएं समाप्त होने लगती हैं, तो यह संकेत होता है कि बुढ़ापा दस्तक दे रहा है। सेक्स यानी विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण और स्वयं को आकर्षक बनाए रखने की ऊर्जा।
पहले के समय में ‘सेक्स’ शब्द को संकोच और शर्म का विषय माना जाता था। पुरुष और महिलाएं इसके बारे में सार्वजनिक रूप से चर्चा करने से बचते थे। लेकिन अब, यह विषय धीरे-धीरे संकोच के दायरे से बाहर निकलकर समाज में सहजता से स्वीकार्य होता जा रहा है। आज की युवा पीढ़ी इस विषय पर खुलकर बात करती है और बिना किसी झिझक के अपने विचार साझा करती है।
सेक्स लाइफ सर्वेक्षण के चौंकाने वाले परिणाम
हाल ही में ‘माय म्यूज़’ नामक बेडरूम वेलनेस ब्रांड ने 500 से अधिक शहरों और कस्बों में 10,000 से अधिक लोगों से विभिन्न प्रश्न पूछकर एक सेक्स सर्वेक्षण किया। इस अध्ययन से कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकले हैं।
- 55% भारतीय बिना यौन सुख के जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
- महिलाओं में अपनी सेक्स लाइफ को लेकर असंतोष पुरुषों की तुलना में अधिक पाया गया।
- 65% शहरी युवाओं ने स्वीकार किया कि उन्होंने शादी से पहले सेक्स का आनंद लिया था।
- 49% लोगों के लिए पहला सेक्स अनुभव बहुत रोमांचक था, जबकि 35% के लिए यह सामान्य रहा। 9% ने इसे दर्दनाक बताया, और 6% के लिए यह भयावह था।
- 76% लोगों ने केवल एक ही व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाए, जबकि 17% ने दो, 4% ने तीन, और 1.2% ने पाँच से अधिक व्यक्तियों के साथ संबंध बनाए।
- 24% विवाहित जोड़े महीने में 6 बार संबंध बनाते हैं, जबकि 19% 11-20 बार, 13% 1-2 बार और 7.2% 21-30 बार संबंध बनाते हैं।
- 58% लोग गंदे दांत और दुर्गंधयुक्त सांस को सेक्स के दौरान सबसे अधिक अस्वीकार्य मानते हैं।
- 52% लोगों को नई सेक्स मुद्राओं को आज़माना पसंद है, जबकि 48% को ओरल सेक्स, 33% को अश्लील फिल्में देखना, और 26.7% को सुगंधित कंडोम का उपयोग करना पसंद है।
- 29% पुरुषों ने स्वीकार किया कि उन्होंने एक से अधिक महिलाओं के साथ संबंध बनाए, जबकि महिलाओं में यह प्रतिशत 19% था।
यौन संबंधों को लेकर बदलता दृष्टिकोण
इस सर्वेक्षण से यह स्पष्ट होता है कि अब शादी को सेक्स का पूर्व शर्त नहीं माना जाता। आज के युवा शादी से पहले भी यौन संबंध बनाने को सहजता से स्वीकार कर रहे हैं।
- 53% लोग लिव-इन रिलेशनशिप को स्वीकार्य मानते हैं, जबकि 46% इसे अनुचित समझते हैं।
- 70% लोगों का मानना है कि शादी करना अकेले रहने से बेहतर है, जबकि 29% को शादी की अनिवार्यता महसूस नहीं होती।
- 49% युवाओं ने कहा कि अगर उनकी जीवनसाथी ‘वर्जिन’ नहीं होगी, तो भी उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं होगी। लेकिन 70% महिलाओं ने स्वीकार किया कि वे ऐसे पुरुष से शादी नहीं करेंगी, जिसने पहले किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाए हों।
समलैंगिकता और समाज की स्वीकृति
30% युवाओं ने कहा कि वे समलैंगिक संबंधों को अस्वाभाविक नहीं मानते और न ही इसे किसी विकृति के रूप में देखते हैं। इनमें से कई लोगों ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने अपने जीवन में कम से कम एक बार समलैंगिक अनुभव किया है।
यह सर्वेक्षण यह दर्शाता है कि भारतीय समाज में सेक्स को लेकर तेजी से बदलाव आ रहा है। युवा पीढ़ी यौन संबंधों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को लेकर अधिक खुले विचारों की हो रही है। लेकिन इसी के साथ यह आवश्यक है कि लोग संयम और समझदारी बनाए रखें, ताकि समाज में बढ़ते अपराधों जैसे छेड़छाड़ और बलात्कार को रोका जा सके। सेक्स को लेकर जागरूकता और शिक्षित दृष्टिकोण अपनाना समय की मांग है।

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