मुजफ्फरनगर के भंगेला गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पत्नी ने अपने पति को जान से मारने के इरादे से कॉफी में जहर मिलाकर पिलाया। गंभीर रूप से बीमार पति को मेरठ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामला गैर-विवाहिक संबंधों से जुड़ा बताया जा रहा है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्यार, धोखा और हत्या की कोशिश
अनुज शर्मा की शादी दो साल पहले गाजियाबाद की पिंकी उर्फ सना से हुई थी। शादी के कुछ महीनों बाद ही दोनों के रिश्ते में खटास आनी शुरू हो गई। पिंकी के अपने भतीजे से प्रेम संबंध होने की बात सामने आई। अनुज को पिंकी के मोबाइल में आपत्तिजनक मैसेज मिले, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
मंगलवार रात को अनुज अपनी ड्यूटी से घर लौटा और पिंकी से कॉफी मांगी। रात 10:30 बजे पिंकी ने उसे कॉफी लाकर दी। कुछ देर बाद ही अनुज की तबीयत बिगड़ने लगी और उसे उल्टियां होने लगीं। आनन-फानन में परिजनों ने उसे खतौली के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे मेरठ रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने जहर देने की पुष्टि की।
पहले भी हो चुके थे झगड़े
पिंकी का अपने भतीजे से संबंध शादी के पहले से था, जो शादी के बाद भी जारी रहा। अनुज द्वारा विरोध करने पर पिंकी ने झगड़ा किया और मायके चली गई। मामला महिला आयोग तक पहुंचा, जहां पिंकी ने अनुज के साथ रहने की सहमति जताई। महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद वह 15 दिन पहले ससुराल लौटी, लेकिन उसके इरादे कुछ और ही थे।
सास को दी थी धमकी
परिजनों के अनुसार, घर लौटने के बाद पिंकी ने अपनी सास को धमकी दी और कहा, “मैं एक मकसद से लौटी हूं, जो समय आने पर पता चलेगा।” और फिर कुछ दिनों बाद उसने इस खौफनाक साजिश को अंजाम देने की कोशिश की।
मायके वालों की बेरुखी
घटना के बाद अनुज अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है, लेकिन पिंकी के मायके वालों ने अब तक उसे देखने तक की जहमत नहीं उठाई। यहां तक कि एक फोन कॉल कर हाल-चाल भी नहीं पूछा।
पुलिस की कार्रवाई जारी
खतौली सीओ रामाशीष यादव ने बताया कि अनुज के परिवार की तहरीर पर पिंकी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच जारी है और कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रिश्तों में धोखा और कानून का सख्त संदेश जरूरी
इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि प्रेम-प्रसंग और विश्वासघात का परिणाम कितना भयावह हो सकता है। कानूनी रूप से यह जरूरी है कि पीड़ित को न्याय मिले और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
साथ ही, ऐसे मामलों में समाज की भूमिका भी अहम है। अक्सर पारिवारिक विवादों को नजरअंदाज करना या दबाना भविष्य में बड़ी घटनाओं को जन्म दे सकता है। हमें ऐसी परिस्थितियों में समय रहते हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि किसी की जान पर न बन आए।
यह घटना समाज को झकझोर देने वाली है और एक चेतावनी भी कि रिश्तों में विश्वास और ईमानदारी ही सबसे बड़ा आधार है।

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