Electoral Bond Case: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फिर एक बार सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने SBI को अपने जुलूस में इलेक्टोरल बॉन्ड के सभी विवरणों का खुलासा करने का निर्देश दिया है। जिसमें भुनाए गए बॉन्ड की अद्वितीय अल्फान्यूमेरिक संख्या और सीरियल नंबर, अगर इनमें से कोई भी शामिल हैं तो उन्हें जारी करने को कहा है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने SBI चेयरमैन को गुरुवार शाम 5 बजे तक एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। हलफनामें के संबंध में कहा गया है कि SBI इलेक्टोरल बॉन्ड के सभी विवरणों का खुलासा करें जो उनके अधीन हैं, इसमें कोई विवरण छिपाया नहीं जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग SBI से जानकारी प्राप्त होने पर तुरंत अपनी वेबसाइट पर विवरण अपलोड करेगा।
इस बारे में वकील प्रशांत भूषण ने कहा, “… SBI ने कहा कि हमारे पास सभी ज़रूरी नंबर और बॉन्ड से जुड़ी जानकारी है, हम वे डेटा आपको दे सकते हैं, लेकिन हमने इस विषय में ग़लत समझ लिया था, हमें लगा की बॉन्ड के नंबर साझा नहीं करने हैं… इसपर कोर्ट ने कहा कि, हमने आपको कहा था कि आपके पास जो भी जानकारी है वे आप साझा करें… सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार की शाम तक एक हलफनामा दायर कर पूरी जानकारी साझा करने के आदेश दिए हैं…”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, SBI से सभी विवरण का खुलासा करने को कहा गया था और इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड की संख्या भी शामिल थी। SBI को विवरण का खुलासा करने में चयनात्मक नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वे चाहते हैं कि SBI के पास इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जो भी जानकारी है वे सारी जानकारी सार्वजनिक की जाए।
केंद्र द्वारा पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि अंतिम उद्देश्य काले धन पर अंकुश लगाना था और शीर्ष अदालत को पता होना चाहिए कि इस फैसले को अदालत के बाहर कैसे खेला जा रहा है।
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