भारत सरकार ने 1990 बैच के राजस्थान कैडर के IAS अधिकारी संजय मल्होत्रा को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 26वें गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है। वह 11 दिसंबर 2024 से तीन साल की अवधि के लिए इस पद का कार्यभार संभालेंगे। यह नियुक्ति शशिकांत दास के सफल कार्यकाल के बाद की गई है, जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। शक्तिकांत दास 12 दिसंबर 2018 को गवर्नर बनाए गए थे। शक्तिकांत दास के कार्यकाल को बाद में तीन साल और के लिए एक्सटेंड किया गया था।
संजय मल्होत्रा ने IIT कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री ली है और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स किया है। अपने 33 वर्षों के प्रशासनिक अनुभव में उन्होंने बिजली, वित्त, कराधान, सूचना प्रौद्योगिकी, और खनन जैसे विविध क्षेत्रों में काम किया है।वर्तमान में, संजय मल्होत्रा वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले, उन्होंने वित्तीय सेवा विभाग में सचिव का पद संभाला। वह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों की नीति निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
RBI को संभालने की चुनौती
वर्तमान समय में देश को उच्च मुद्रास्फीति, वैश्विक आर्थिक मंदी, और ऋण संकट जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस संदर्भ में, RBI गवर्नर के रूप में संजय मल्होत्रा की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। उनके पास सुधार और नवाचार लाने का एक सुनहरा अवसर है, जो देश की वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकता है।संजय मल्होत्रा के सामने मुद्रास्फीति पर नियंत्रण, आर्थिक विकास में गिरावट, और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने जैसी चुनौतियां होंगी।
उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त नेतृत्व की जरूरत है। उनका अनुभव और कुशलता RBI की दिशा को नया मोड़ दे सकती है। यह देखना रोचक होगा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान किस प्रकार से इन चुनौतियों का सामना करेंगे और देश की आर्थिक स्थिति को स्थिरता प्रदान करेंगे।
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