रूस का लूना-25 स्पेसक्राफ्ट चांद की 100 किमी की ऑर्बिट में पहुंच गया है। ये स्पेसक्राफ्ट 21 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इसे रूस की स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस ने 11 अगस्त को सोयूज 2.1बी रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था।
लूना-25 को उसकी लॉन्चिंग के दिन ही अर्थ की ऑर्बिट से चांद की तरफ भेज दिया गया था। रूस ने 47 साल बाद चांद पर अपना मिशन भेजा है। इससे पहले उसने 1976 में लूना-24 मिशन भेजा था। अभी तक जितने भी मून मिशन हुए हैं वो चांद के इक्वेटर पर पहुंचे हैं, यह पहली बार होगा कि कोई मिशन चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करेगा।
आपको बता दें कि रूस ने 47 साल बाद चांद पर अपना यान भेजा है। इससे पहले उसने 1976 में लूना-24 मिशन पर भेजा था। जो लगभग 170 ग्राम धूल लेकर सुरक्षित पृथ्वी पर वापस आया था। लूना-25 चांक के साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला है ऐसा पहली बार होगा। पहले जितने भी मिशन मून हुए हैं वे सभी चांद के इक्वेटर पर पहुंचे थे।
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