यदि आपके बच्चे कनाडा में पढ़ रहे हैं या कनाडा जाने की तैयारी कर रहे हैं तो इस खबर को ध्यान से पढ़ें। कनाडा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए तीन बड़े परिवर्तन किए गए हैं। ये बदलाव 1 जनवरी 2024 से लागू हो जाएंगे। इन परिवर्तनों को लेकर इमीग्रेशन कंसल्लटेंट ने कुछ जानकारियां दी है।
पहला – भारत और अन्य देशों के अंतर्राष्ट्रीय छात्र जो कनाडा में रहने का इरादा रखते हैं और जिन्होंने 7 दिसंबर 2023 से पहले कनाडा आने के लिए छात्र वीजा के लिए आवेदन किया है। वे 30 अप्रैल 2024 तक पूर्णकालिक काम कर सकेंगे। इसलिए ऑफ कैंपस 20 घंटे की जगह 40 घंटे काम कर सकते हैं।
दूसरा – कनाडा सरकार ने तीन साल 2021, 2022 और 2023 के लिए पोस्ट ग्रेजुएट वर्क परमिट दिया है और इन तीन साल के परमिट को 18 महीने के लिए मुफ्त में बढ़ा दिया है। पोस्ट ग्रेजुएट वर्क परमिट अब नहीं बढ़ाया जाएगा। यदि आप एक्सटेंशन पाना चाहते हैं तो आपको प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसके लिए छात्र को आगे पढ़ना होगा या फिर नौकरी करनी पड़ सकती है।
तीसरा- कैनेडियन वीजा पाने के लिए 10 हजार कैनेडियन डॉलर यानी 6 लाख 20 हजार भारतीय रुपये GCI (गारंटीड इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट) वहां के बैंक में जमा कराने होते थे। अब इसे बदलकर इसे दोगुना करने पर आपको सालाना 20,635 कैनेडियन डॉलर यानी भारत के 12 लाख 66 हजार रुपये चुकाने होंगे। हर साल दोगुने रुपये जाएंगे।
इन परिवर्तनों की पूरी जानकारियां –
कनाडा में पढ़ाई करने जा रहे छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है। खबर है कि कनाडा सरकार ने पढ़ाई के लिए आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को बड़ा प्रोत्साहन दिया है। कहा जा रहा है कि कनाडा द्वारा लिए गए इस फैसले का प्रभाव दुनिया भर के छात्रों पर पड़ेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अब अंतरराष्ट्रीय छात्रों को वहां रहने और पढ़ाई करने के लिए पहले से ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। इसके साथ ही मजबूत वित्तीय पृष्ठभूमि भी दिखानी पड़ेगी। कनाडा के आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री मार्क मिलर ने इस बदलाव के बारे में घोषणा की है।
यह नया फैसला 1 जनवरी 2024 से लागू होगा। मार्क मिलर ने घोषणा की कि जीआईसी के पास 2000 से 10 हजार कनाडाई डॉलर हैं। लेकिन, बहुत वक्त हो गया है और कनाडा सरकार गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए यदि फंड अधिक होगा, तो यह संभव होगा। उस उद्देश्य के लिए, कनाडाई सरकार ने देश में वार्षिक ट्यूशन और रहने की फीस, सरल भाषा में जीसीआई (गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र) में वृद्धि की है। इसे 10 हजार की जगह 20,635 डॉलर कर दिया गया है। तो भारतीय छात्रों को प्रति वर्ष 6 लाख 20 हजार जीसीआई देना पड़ता था, अब उन्हें 12 लाख 66 हजार जीसीआई देना होगा।
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