RSS प्रमुख मोहन भागवत के हाल ही में दिए गए “मस्जिदों के नीचे मंदिर खोजने” वाले बयान को RSS के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ का समर्थन मिला है।
बीते दिनों भागवत ने अपने बयान में कहा था कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग ऐसे मुद्दे उठाकर ‘हिंदू नेता’ बनने की कोशिश कर रहे हैं, जो स्वीकार्य नहीं है। उनके इस बयान पर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। जहां कुछ लोगों ने इसे सराहा, वहीं कुछ हिंदू राष्ट्रवादी समूहों और संतों ने इसे खारिज कर दिया।
‘पांचजन्य’ ने अपने संपादकीय में भागवत की टिप्पणियों को “व्यावहारिक दृष्टिकोण” बताते हुए मंदिर-मस्जिद विवाद पर समाज से संतुलित रुख अपनाने की अपील की।
संपादकीय में इस बात पर जोर दिया गया कि मंदिर हिंदू आस्था के केंद्र हैं, लेकिन उनका राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग किया जाना उचित नहीं है।
संपादकीय ने इस मुद्दे पर चल रही अनावश्यक बहसों और भ्रामक प्रचार पर भी चिंता व्यक्त की, जो सोशल मीडिया के माध्यम से और अधिक बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा है।
‘पांचजन्य’ के अनुसार, धार्मिक विषयों पर समाज को संयम और संतुलन बनाए रखने की जरूरत है, ताकि आस्था और राजनीति के बीच संतुलन बिगड़ने न पाए।
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