अभी तक के दस लेखो में हमने विभिन्न प्रकार के डिसाडॅर को समझा, इस लेख में माता- पिता और परिवार जनों की भूमिका पर ध्यान केन्द्रित करेगें।
एक अभिभावक के रुप में,माता-पिता अपने बच्चे की भलाई के लिए ही सब करते है और कहते हैं। विभिन्न चुनौतियों को पार कर बच्चे के विकास और व्यक्तित्व को आकार देते हैं।
जब बच्चा विशेष जरुरत वाला होता है तो माता-पिता की भूमिका बदलती रहती है हर दिन नई चुनौती का सामना करना पडता हैं।ऐसे में परिवार से प्यार, समर्थन और मार्गदर्शन मिलने से माता-पिता अपने बच्चे के लिए उज्जवल भविष्य बना सकते हैं।
१. अपने बच्चे की जरूरतों को जाने – आप बच्चे की जरूरतो को जितना समझेगें, तो बच्चे को मदद करने के लिए बेहतर तैयारी कर पाएगें।
२. सकारात्मक रहें – विशेष जरूरत होने का मतलब जीवन में असफल होना नहीं होता हैं। बच्चे कुछ चीजे अलग करते है,इसें परेशान न हो,नई तकनीक को और सकारात्मक दृष्टिकोण रखे।
३. मूल्यांकन के लिए प्रोफेशनल की मदद लेकर, आप अपने बच्चे के भविष्य बेहतर बना सकते हैं।
४. विशेष शिक्षा- अपने बच्चे को विशेष आवश्यक वाली स्कूल मे दाखिला दिला कर उसके व्यक्तिगत शिक्षा कार्यक्रम ( IEP ) तैयार कर सकते हैं।
५. गृहकार्य में सहायता- बच्चे के साथ गृहकार्य करने के लिए एक नियमित समय तय करे,धैर्य से उन्हे पढाई और समझाए। उनका आत्मविश्वास बढानें के लिए प्रोत्साहित करे।
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६. मदद के लिए पुछना- मदद लिजिए, परिवार, दोस्तों को कुछ काम सौपने से आपका काम अच्छा और सरल हो जाएगा।
७. आत्मविश्वास बढाइए- अपने बच्चे को सहायता प्रदान करने और स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने के बीच सही संतुलन बनाए, बच्चे को स्वंय प्रयास करते रहने के लिए प्रेरित करे,छोटी- छोटी सफलताओ को पुरस्कृत करे जिससे आत्मविश्वास बढेगां।
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विशेष जरूरत वाले बच्चों के विकास के लिए माता-पिता,परिवार जनों का महत्वपूर्ण योगदान होता है,इसलिए आप सभी अनुशासन मे रहे,एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाए और सुखी जीवन व्यतीत करे।
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