3 मार्च – हर वर्ष का वह खास दिन जब हम अपनी पृथ्वी के सबसे अद्भुत और संवेदनशील प्राणियों की आवाज बनते हैं।
विश्व वन्यजीव दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि यह हमारे जिम्मेदारी का प्रतीक है। यह हमें उन अद्वितीय जीवों और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण की अहमियत समझाता है, जो हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का अनिवार्य हिस्सा हैं। हर एक वन्यजीव, चाहे वह एक विशाल हाथी हो या एक नन्ही तितली, हमारे जीवन चक्र को बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाता है।
इतिहास में यह तारीख क्यों खास है?
3 मार्च को ही CITES (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora) की स्थापना हुई थी, जो वन्यजीवों के अवैध व्यापार को रोकने का एक वैश्विक प्रयास है। इस साल CITES के 50 वर्षों की सफलता का जश्न भी मनाया जाएगा, और यह हमें यह याद दिलाता है कि हम अब तक जो कुछ भी हासिल कर चुके हैं, वह पर्याप्त नहीं है। हमें अभी भी संघर्ष करना है, क्योंकि लाखों वन्यजीवों का अस्तित्व खतरे में है।
कैद में जिंदा, जंगल से दूर
आज भी दुनिया भर में सैकड़ों जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास से निकालकर असमान परिस्थितियों में रखा जाता है। इन जानवरों का शोषण किया जाता है, उन्हें बलपूर्वक टेनेटरियां और शो प्रोग्राम्स के लिए तैयार किया जाता है। यह जीवन उनके लिए जेल से भी बदतर होता है। उनका प्राकृतिक अधिकार – स्वतंत्र रूप से जंगलों में घूमना, खुले आसमान में सांस लेना – उनसे छीन लिया जाता है। क्या यही न्याय है?
हमारे हाथों में है समाधान
जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। जितना हम इस मुद्दे पर जागरूक होंगे, उतना ही हम वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित और स्वतंत्र भविष्य सुनिश्चित कर पाएंगे। हमें यह समझना होगा कि वन्यजीवों को कैद में रखना उनके अधिकारों का उल्लंघन है। हमेशा याद रखें, वन्यजीवों का सबसे अच्छा जीवन उनका स्वतंत्र जीवन है।
आइए, हम इस विश्व वन्यजीव दिवस पर संकल्प लें कि हम वन्यजीवों के शोषण के खिलाफ खड़े होंगे। हमें अपनी भूमिका निभानी होगी – चाहे वह टूरिज्म हो या वन्यजीवों के अवैध व्यापार के खिलाफ आवाज उठाना, हमारी एकजुटता ही उनके अस्तित्व को बचा सकती है।
कृपया, हम इसे सिर्फ एक दिन का मुद्दा न समझें। हर दिन एक नया अवसर है हमारे लिए, वन्यजीवों के हक में खड़े होने का।
याद रखें, जैसे हम इस धरती पर रहकर जीवन जीने का अधिकार रखते हैं, वैसे ही सभी वन्यजीवों का भी यह अधिकार है।
हम सबकी जिम्मेदारी है – इन जीवों को हमसे पहले की तरह स्वतंत्र और सुरक्षित जीवन जीने का मौका देना।
अब समय है बदलाव का, अब समय है वन्यजीवों के अधिकारों की रक्षा का।
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