‘Heeramandi’ Review : ओटीटी प्लेटफॉर्म netflix पर संजय लीला भंसाली की पहली वेब सीरीज हीरामंडी आज रिलीज हो चुकी है। इस सीरीज में लगभग एक-एक घंटे के आठ एपिसोड है, जिन्हें देखने के लिए आपको नेटफ्लिस्क का सब्सक्रिप्शन लेना पड़ेगा। आपको बता दें की इसकी स्ट्रीमिंग के साथ ही इस सीरीज को लेकर सोशल मीडिया पर कमंट आने भी शुरू हो गए हैं।
ये सीरीज लगभग 6-7 घंटे की है। संजय लीला भंसाली ने इस सीरीज में मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, ऋचा चड्ढा, शेखर सुमन, फरदीन खान के साथ और भी कई सितारों को कास्ट किया है। भंसाली इस सीरीज के लिए पिछले 18 सालों से काम कर रहे थे ये उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था।
इस सीरीज में लाहौर की कहनी बताई गई है जिसकी वजह से भंसाली को इसके लिए पाकस्तानी एक्टर्स चाहिए थे। उनका विचार फवाद खान, माहिरा खान और इमरान अब्बास को कास्ट करने का था। इसके साथ ही वे करीना कपूर, रेखा और रानी मुखर्जी को भी इस सीरीज में लॉच करना चाहते थे।
नेटफ्लिक्स पर भंसाली की सीरीज हीराखंड को ब्यूटीफुल वर्ड बताकर बेचा जा रहा है। इस सीरीज में असंख्य हिंदू लड़कियों के मार्मिक पीड़ा की कहानी है। मुगल काल के समय जिन लड़कियों को उठाकर इस काम में लिप्त किया जाता था, उसकी कहानी है।
अब इस पर प्रश्न किया तो एक पक्ष ने उल्टा प्रश्न यह कर दिया कि क्या यह स्लेवरी प्री मुगल एरा में नहीं होती थी? यदि नहीं, तो देवदासी कौन थी? देव की दासी जो मंदिरों में नृत्य करती थी भगवान के लिए न कि इंसान के लिए?
मुगल एरा में इन्हीं लडकियों को उस काम में डाला गया। मुगलों की पवित्र किताब के अनुसार वॉर में जीती महिलाओं को स्लेव बनाया जा सकता है और इसलिए उन्होंने किया वह उनके हिसाब से सही था। दूसरी ओर अग्नि पुराण कहता है बंदी की पत्नी पर मात्र बंदी का अधिकार है। गरुड़ पुराण कहता है महिलाओं को स्लेव बनाना अर्थात नर्क में जाना। ग्रीक हिस्टोरियन मेगस्थनीज ने इंडिका नाम की पुस्तक में लिखा, भारत में स्लेव सिस्टम एक्सेस ही नहीं करता है। तो ये रहा आपके प्रश्न का उत्तर।

More Stories
पाकिस्तान में मंदिरों के लिए 30 करोड़ रुपए खर्च, जानें सरकार का मास्टर प्लान
“छावा” ने तोड़ा रिकॉर्ड: विक्की कौशल की फिल्म ने पार किया ₹400 करोड़ का आंकड़ा, ब्रह्मास्त्र को भी पछाड़ा
54 साल में पहली बार बांग्लादेश-पाकिस्तान के बीच बढ़ी नजदीकियां, जानें भारत पर क्या असर होगा?