गीत गाता चल ओ साथी, जब दीप जले आना, ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए, एक राधा एक मीरां, अंखियों के झरोखों से, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम और सुन साहेबा सुन जैसे मार्मिक और सदाबहार गीतों के संगीतकार, गीतकार और प्रखर पार्श्व गायक रवींद्र जैन का जन्म 28 फरवरी 1944 को हुआ था। वह दूरदर्शी थे और बचपन से ही संगीत और गीत में रुचि रखते थे। 2024 में उनका 80वां जन्मदिन 28 फरवरी को मनाया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्में रवींद्र जैन ने संगीत की शिक्षा अपने पिता पंडित इंद्रमणि जैन से प्राप्त की थी। उन्होंने शास्त्रीय संगीत और गायन में महारत हासिल की।
कई अवॉर्ड से नवाजित रविंद्र जैन
1972 में उन्होंने फिल्म “कांच और हीरा” से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। उन्होंने कई लोकप्रिय हिंदी फिल्मों के लिए संगीत और गीत लिखे। उन्हें “राम तेरी गंगा मैली” फिल्म के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार और “सौदागर” फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें 2015 में पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
1973 में राजश्री प्रोडक्शंस सौदागर से उनकी किस्मत चमक गई। उनकी सफल फिल्मों में – चोर मचाये शोर_तपस्या, चित्तचोर, राम तेरी गंगा मैली, हिना, इन्साफ का तराजू, प्रतिशोध आदि शामिल हैं। उन्होंने रामानंद सागर के रामायण सहित कई टीवी धारावाहिकों के लिए संगीत दिया है। उन्होंने इसका नाम दिल की नज़र रखा। ग़ज़ल संग्रह, अरबी कुरान का उर्दू में अनुवाद और भगवद गीता, सामवेद सहित कई उपनिषदों का हिंदी में अनुवाद किया। । रवींद्र जैन का निधन 9 अक्टूबर 2015 को मुंबई में हुआ था।

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