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Thursday, December 26   6:48:32

Rajasthan Day 2024: वीरों की भूमि, रंगों का प्रदेश !

राजस्थान दिवस हर साल 30 मार्च को मनाया जाता है क्यूंकि यही वह तारीख है जब 1949 में 4 बड़े राज्यों बीकानेर, जोधपुर, जयपुर और जैसलमेर और 19 रियासतों को एक साथ मिलाकर ‘राजस्थान’ राज्य की स्थापना हुई थी। इसको करने में 8 साल का समय लगा था। राजस्थान नाम पड़ने से पहले इसे ‘राजपूताना’ के नाम से जाना जाता था।

राजस्थान एरिया के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य है जो अपने अद्भुत इतिहास और बहादुरी की कहानियों के कारण मशहूर है। राजस्थान दिवस सिर्फ एक ख़ास अवसर नहीं है। यह दिवस राजस्थान वासियों के लिए एक भावना है, गौरव की अनुभूति कराने वाला और यहाँ से आज़ादी के लिए बही एक एक खून की धारा को याद करने का दिवस है।

भक्ति और शक्ति का संगम यह वह प्रदेश है, जहां के कण-कण में त्याग, तपस्या और बलिदान की गाथाएं समाहित है। महाराणा प्रताप जैसे वीरों से लेकर, मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व दान करने वाले भामाशाह और मीराबाई जैसे संतों की भूमि है यह। राजस्थान वह राज्य है जहाँ स्वतंत्र के लिए लड़ने की शक्ति और जज़्बा कभी ख़त्म है हुआ।

यह वह भूमि है जहाँ बहादुरी की कहानी, पैरानॉर्मल एक्टिविटी की कहानी, देश भक्ति की कहानी और बलिदानों की कहानी सुनने को मिलती है। नुक्लिअर बम का सफल परिक्षण भी यहीं पर हुआ था। यह राज्य अपने कई शहरों में फैले प्राचीन खंडहरों, मंदिरों और किलों से सुशोभित है। नौ क्षेत्रों में विभाजित, प्रत्येक का अपना अनूठा इतिहास और कलात्मक परंपराओं के साथ, राजस्थान भारत की विविध विरासत की झलक पेश करता है।

यह राज्य रंगों से भरा है। इसमें हर शहर का अपना एक रंग है। जैसे जोधपुर को ब्लू सिटी कहा जाता है, तो वहीं जयपुर को पिंक सिटी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्यूंकि यहाँ के घर ज़्यादातर ब्लू और पिंक रंगों से रंगे हैं।

राजस्थान दिवस की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने X पर पोस्ट किया कि “सोने री धरती अठै, चांदी रो असमान। रंग रंगीलो रस भरियो, ओ म्हारो राजस्थान। आप सगळा ने “राजस्थान स्थापना दिवस” री घणी-घणी शुभकामनाएं।”

X का पोस्ट

आज के दिन पूरे राजस्थान में हर गली, हर मौहल्ले, हर जिले में तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं। कोई राजस्थान बनने की कहानी बताता है, तो कोई यहाँ की मिट्टी से बने और मशहूर हुए व्यक्तियों की कहानी बताता है। अलग-अलग कलाओं में निपुण यह राज्य पर्यटकों को अपनी कलाएं दिखने में बिलकुल पीछे नहीं हटता। आज के दिन पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के संग्रहालयों में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।

यह राज्य जितना बदनाम है उतना ही मशहूर भी है। जहाँ एक ओर कोटा में घटते दिल दहला देने वाले हादसे हैं, बाल विवाह की प्रथाएं हैं, तो वहीँ दूसरी ओर टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देते खूबसूरत स्थल और इतिहास भी है। राजस्थान का डेज़र्ट फेस्टिवल सबसे मशहूर है। साथ ही जैसलमेर का किला, चित्तोर का किला, तन्नोट का फौजी मंदिर, बीकानेर का सुन्दर आर्किटेक्चर और जयपुर का हवा महल कुछ और ऐसी मशहूर जगहें हैं जो राजस्थान की शोभा बढाती है।