Influencer और ‘Think Like A Monk’ बुक के ऑथर Jay Shetty काफी मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर्स में से एक हैं। 2016 से इनके वीडियो काफी वायरल हो रहे हैं। इतना ही नहीं इनका एक पॉडकास्ट ‘On Purpose’ भी है। लेकिन, हालही में Jay Shetty के ऊपर अपनी आधी ज़िन्दगी के बारे में झूठ बताने से लेकर इंस्टाग्राम पर plagiarism जैसे गंदे आरोप लगाए गए हैं।
Jay Shetty एक मोंक के जैसी सोच रखने के लिए जाने जाते हैं। यह 36 वर्षीय , लंदन में पैदा हुए ब्रिटिश-इंडियन, एक बिजनेस स्कूल में पढ़ने गए थे। उन्होंने भारत में 3 साल लगातार एक आश्रम में बिताए हैं। यह ‘जय शेट्टी सर्टिफिकेशन स्कूल’ भी चलाते हैं, जहां छात्र जय शेट्टी अनुशासन सीखने के लिए हजारों डॉलर का भुगतान करते हैं।
जय शेट्टी की ऑफिसियल वेबसाइट में बताया गया है कि जब वे स्कूल में पढ़ते थे तब उन्होंने भारत में मोंक्स के साथ रहकर छुट्टियाँ बिताईं, और खुद को उनके ज्ञान और शिक्षा में डुबो दिया। हालाँकि, The Guardian की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जय शेट्टी ने भारत के एक मंदिर में तीन साल बिताने का झूठा दावा किया है। इस जाँच रिपोर्ट में शेट्टी की अपनी ही कहानी और शैक्षणिक योग्यता की सटीकता पर संदेह जताया जा रहा है।
इस रिपोर्ट में एक और आरोप लगाया गया है कि जय शेट्टी ने अपने जीवन के कुछ पहलुओं को भी गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, जिसमें केवल 18 साल की उम्र में एक मोंक का भाषण सुनने के बाद उनका जीवन कैसे बदल गया था, यह कहानी भी शामिल है। और तो और इसमें यह भी कहा गया है कि शेट्टी के बायोडेटा में behavioral science की डिग्री शामिल है जो एक बिजनेस स्कूल से हासिल की गई है। लेकिन, जानकारी के मुताबिक उस स्कूल का पाठ्यक्रम ऐसी कोई भी डिग्री प्रदान नहीं करता है।
दूसरी ओर उनके ऊपर यह आरोप भी लगाया गया है कि वह अपनी आध्यात्मिक पहचान को केवल पैसे कमाने के लिए इस्तेमाल करता है। Iskcon के साथ उनके जुड़ाव के संबंध में, शेट्टी को संभवतः संगठन के विवादों के कारण, आरक्षित कर दिया गया है।
शेट्टी के ऊपर इनके अलावा कंटेंट चुराने का भी आरोप लगा है। वह इंस्टाग्राम पर जो भी कंटेंट डालते हैं, उसमें से कुछ plagiarism का शिकार बन चुके हैं। कहा जा रहा है कि 2019 में उन्होंने अपने यूट्यूब और इंस्टाग्राम चैनल से 100 से अधिक पोस्ट डिलीट कर दिए थे। इसकी वजह ‘निकोल आर्बर’ द्वारा शेट्टी के वीडियो की सच्चाई बाहर लाना बताई जा रही है। उसका ‘original’ कंटेंट पहले से वायरल पोस्ट्स पर आधारित होता है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आर्बर के वीडियो के बाद, शेट्टी ने अपने कर्मचारियों को अपने सभी पोस्ट देखने और कहीं और से लिए गए कंटेंट का श्रेय शामिल करने का आदेश दिया था। शेट्टी के एक पूर्व कर्मचारी के अनुसार, उन्होंने एक संकट पीआर फर्म को भी काम पर रखा था, जिसने एक रोबस्ट सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन कैंपेन शुरू किया था।
मैकडरमॉट की जांच से पता चलता है कि एक भिक्षु के रूप में जय शेट्टी का समय उतना व्यापक नहीं रहा होगा जितना चित्रित किया गया है। कुछ पूर्व सहयोगियों ने कहा कि वह मुख्य रूप से भारतीय आश्रमों में खुद को पूरी तरह से डुबाने के बजाय लंदन में एक संपत्ति में रहते थे। ऐसे और भी गंभीर आरोप The Guardian की रिपोर्ट में देखने को मिलते हैं।
इन आरोपों पर हालाँकि जय शेट्टी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं की है। लोगों को केवल उनके जवाब का इंतज़ार है। अब सवाल यह है कि क्या सही में लोगों को inspire करने वाले इस युवक ने इतना झूठ बोला होगा ?
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