Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा 2024 चुनाव के दो चरण के मतदान समाप्त हो चुके हैं वहीं अब पार्टी तीसरे चरण के मतदान के लिए अपनी ऐढ़ी चोटी का जोर लगाने में फिर व्यस्त हो गई है। लेकिन, इस बीच गुजरात की राजकोट सीट से BJP उम्मीदवार पुरुषोत्तम रुपाला के खिलाफ क्षत्रिय समुदाय का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां रूपाला इससे पहले क्षत्रिय समुदाय पर अपनी टिप्पणी के लिए दो बार माफी मांग चुके हैं, वहीं शुक्रवार को रूपाला ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए क्षत्रिय समुदाय से माफी मांगी और कहा, ‘मैंने गलती की, तो प्रधानमंत्री मोदी का विरोध क्यों?’
गुजरात में तीसरे चरण का मतदान
गुजरात में लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है, जिसमें कुछ ही दिन बाकी हैं, वहीं रूपाला के बयान को लेकर क्षत्रियों में अभी भी गुस्सा है और क्षत्रिय गांव-गांव जाकर बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और रूपाला ने एक बार फिर माफी मांगी है। अपने भाषण में बीजेपी प्रत्याशी रूपाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया।
સમસ્ત ક્ષત્રિય સમાજને મારી નમ્ર વિનંતી… pic.twitter.com/nPS8bgQsbW
— Parshottam Rupala (@PRupala) April 26, 2024
जानें अपने भाषण में पुरुषोत्तम रूपाला ने क्या कहा?
रूपाला ने बैठक के माध्यम से राज्य के सभी क्षत्रिय समाज के नेताओं से अनुरोध किया कि ‘मुझसे गलती हुई है और मैं इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं क्योंकि यह मेरी मंशा नहीं थी.’ और समाज के सामने भी मैंने माफ़ी मांगी और समाज ने भी मुझे जवाब दिया। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ क्यों? मुझे क्षत्रिय समाज से कहना है कि अपने योगदान को याद रखें, इस देश के निर्माण में आपका कितना बड़ा योगदान है, पार्टी के विकास में आपका कितना बड़ा योगदान है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 घंटे काम करते हैं और भारत के अलावा कुछ नहीं सोचते और 140 करोड़ देशवासियों को अपना परिवार कहते हैं तो क्षत्रिय समाज को नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़ा करना मुझे सही नहीं लगता।’
इसके अलावा रूपाला ने क्षत्रिय समाज के नेताओं से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आक्रोश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। इसके अलावा रूपाला ने जनता से सात तारीख को वोट डालने की भी अपील की। आपको बता दें कि क्षत्रिय समुदाय राजकोट सीट पर रूपाला का टिकट रद्द करने की मांग कर रहा है और समुदाय अभी भी विरोध कर रहा है।
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