14-06-22
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद भारत में हुई हिंसा के तार विदेश से जुड़ रहे हैं। पाकिस्तान समेत कुछ देशों से 60 हजार नान वेरिफाइड अकाउंट के जरिए झूठी और भड़काऊ बातें पोस्ट की गईं। इनमें से 7 हजार से ज्यादा अकाउंट पाकिस्तान से चल रहे थे। फर्जी खबरों पर नजर रखने वाले डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर ने इसका खुलासा किया है।
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद भारत में हो रही हिंसा के पीछे पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों का हाथ है। सुनियोजित षड्यंत्र के तहत देश में हिंसा भड़काई गई। इस काम में पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों के हजारों नान वेरिफाइड इंटरनेट मीडिया अकाउंट लगे थे। फर्जी खबरों पर नजर रखने और फैक्ट चेक करने वाले डिजिटल फारेंसिक्स रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर (DFRAC) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
रिपोर्ट में बताया गया कि किस तरह से गलत सूचनाओं से लोगों को भड़काया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न देशों से 60 हजार से ज्यादा नान वेरिफाइड अकाउंट इस मामले में आग भड़काने के लिए अलग-अलग हैशटैग का प्रयोग कर रहे थे। इनमें से 7,100 से ज्यादा अकाउंट को पाकिस्तान से चल रहे थे। इन अकाउंट के माध्यम से कई आधारहीन बातें पोस्ट की गईं और लोगों को भड़काया गया।
नान वेरिफाइड अकाउंट के जरिये इंग्लैंड के क्रिकेट खिलाड़ी मोइन अली का फर्जी स्क्रीनशाट चलाया गया, जिसमें दावा किया गया कि उन्होंने आईपीएल के बहिष्कार की अपील की है। लोगों को भड़काने के लिए फर्जी तस्वीरें भी शेयर की गईं।
भारत की छवि खराब करने और हिंसा भड़काने के इस खेल में इंटरनेट मीडिया ही नहीं, पाकिस्तान व कुछ अन्य देशों के मीडिया हाउस भी जुटे हैं। पाकिस्तान के एरे न्यूज ने झूठी खबर चलाई थी कि ओमान के ग्रैंड मुफ्ती ने भारतीय उत्पादों के बॉयकॉट का एलान किया है। साथ ही उन्होंने इस टिप्पणी के खिलाफ सभी मुस्लिमों से एकजुट होने की अपील की है। टीवी चैनल का यह दावा पूरी तरह झूठ साबित हुआ।
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