नई दिल्ली: 2024 के उपचुनावों के परिणामों ने भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ दिया है, खासकर कांग्रेस के लिए। प्रियंका गांधी वाड्रा, जो वायनाड से चुनाव लड़ रही थीं, ने न केवल अपनी पहली चुनावी परीक्षा में सफलता प्राप्त की, बल्कि अपने भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। प्रियंका गांधी को वायनाड से अब तक 5.78 लाख वोट मिले हैं, जबकि उनके सबसे करीबी प्रतिद्वंदी, CPI (M) के सत्या मोकेरी को 2.07 लाख वोट मिल पाए हैं, और बीजेपी की नव्या हरिदास तीसरे स्थान पर रही हैं, जिनके पास करीब 1.08 लाख वोट हैं।
प्रियंका गांधी ने यह रिकॉर्ड तोड़ते हुए 4 लाख वोटों के मार्जिन से जीत दर्ज की है, जो कि राहुल गांधी के 2024 के लोकसभा चुनाव में वायनाड से जीते गए 3.65 लाख वोटों से कहीं ज्यादा है। यह उनके लिए एक ऐतिहासिक जीत है, खासकर इस बात को ध्यान में रखते हुए कि इस बार मतदान प्रतिशत पिछले चुनावों से कम था।
वायनाड उपचुनाव में मतदान प्रतिशत 65% रहा, जबकि अप्रैल में लोकसभा चुनावों में यह 74% था और 2019 के आम चुनावों में यह आंकड़ा 80% के आसपास था। इसके बावजूद प्रियंका गांधी ने यह साबित कर दिया कि उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है और वायनाड के लोग उन्हें अच्छे से अपना रहे हैं।
प्रियंका गांधी की जीत: कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद
प्रियंका गांधी की जीत कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। इस उपचुनाव में कांग्रेस के लिए यह सफलता इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रियंका गांधी की यह पहली चुनावी परीक्षा थी और वह राहुल गांधी के बाद वायनाड से चुनाव लड़ रही थीं। राहुल गांधी ने इस जीत के लिए प्रियंका गांधी का समर्थन करते हुए कहा था, “यदि वह आपसे प्यार करती हैं, तो वह वह सब कुछ करेंगी, जो आप सोच भी नहीं सकते। वह वायनाड को बहुत पसंद करेंगी।” यह बयान प्रियंका के प्रति उनकी मजबूत आस्था और समर्थन को दर्शाता है।
प्रियंका गांधी ने वायनाड के लोगों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी और उनके लिए काम करने का वादा किया। उनकी इस जीत को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि प्रियंका गांधी का राजनीतिक भविष्य बहुत उज्जवल है।
विपक्ष के लिए चुनौती और कांग्रेस के लिए प्रेरणा
प्रियंका गांधी की वायनाड उपचुनाव में जीत ने न सिर्फ उनके व्यक्तिगत रिकॉर्ड को तोड़ा है, बल्कि कांग्रेस के भविष्य को भी उज्जवल बना दिया है। यह दिखाता है कि अगर राजनीतिक नेताओं को जनता के बीच मजबूत तरीके से उतारा जाए, तो सफलता हासिल की जा सकती है। प्रियंका गांधी ने यह साबित कर दिया कि उनका राजनीतिक दृष्टिकोण और कार्यशैली वायनाड के लोगों के लिए कारगर साबित हो सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी इस सफलता के बाद कांग्रेस का क्या अगला कदम होगा और क्या वे इस उत्साह को आगे के चुनावों में बनाए रख पाएंगे।
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