CATEGORIES

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
Monday, February 24   4:28:26

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रधानमंत्री का धन्यवाद भाषण, विपक्ष साधा जमकर निशाना

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज संसद में संबोधन करते हुए विपक्ष को आडे हाथों लिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद भाषण दिया।इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा की 75वां गणतंत्र दिवस, संसद का नया भवन, सेंगोल की अगुआई। ये सारे दृश्य अपने आप में बहुत ही प्रभावी थे।

संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्ष को लेकर कहा की मैंने जब यहां से देखा, तो वाकई इस नए सदन में राष्ट्रपति जी की अगवानी का दृश्य सुखद था। 60 से ज्यादा सदस्य ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर विचार व्यक्त किए। मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं। विशेष रूप से विपक्ष ने जो संकल्प लिया है। उसकी सराहना करता हूं।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “संसद के इस नए भवन में जब राष्ट्रपति हमें संबोधित करने आई और जिस गौरव और सम्मान के साथ सेंगोल और पूरे जुलूस का नेतृत्व किया, हम सब उनके पीछे-पीछे चल रहे थे। नए सदन में ये नई परंपरा भारत के आजादी के उस पवित्र पल का प्रतिबिंब जब साक्षी बनता है तो लोकतंत्र की गरिमा कई गुना ऊपर चली जाती है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…मैं विपक्ष के संकल्प की सराहना करता हूं। उनके भाषण के एक-एक बात से मेरा और देश का विश्वास पक्का हो गया है कि इन्होंने लंबे अरसे तक वहां(विपक्ष में) रहने का संकल्प ले लिया है…आपलोग जिस तरह इन दिनों मेहनत कर रहे हैं, मैं पक्का मानता हूं जनता जनार्दन आपको जरूर आशीर्वाद देगी और आप जिस ऊंचाई पर है उससे भी अधिक ऊंचाई पर पहुंचेंगे और अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा में दिखेंगे।”

मोदी ने कहा, ”वे (विपक्ष) विपक्ष के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे…मैंने हमेशा कहा है कि देश को एक अच्छे विपक्ष की जरूरत है।”

PM मोदी ने कहा, “…राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में देश की नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीब और हमारे किसान, मछुआरों की चर्चा की है… क्या जब देश के युवा की बात होती है तो सभी वर्ग के युवाओं की बात नहीं होती? क्या जब महिलाओं की बात होती है तो देश की सभी महिलाएं उसमें नहीं आती? कब तक टूकड़ो में सोचते रहेंगे? कब तक समाज को बांटते रहेंगे?”