1 April 2022
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का सियासी अंत काफी नजदीक आ चुका है। वह एक मजबूत विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने विपक्ष से इस प्रस्ताव को वापस लेने की अपील भी की। इसके लिए उन्होंने नेशनल असेंबली को भंग करने की पेशकश की। जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष के नेता शाहबाज शारिज को पीएम इमरान खान ने संदेश भिजवाया। इमरान खान ने यह भी कहा कि अगर उनके प्रस्ताव को कोई स्वीकार नहीं करता है तो वह किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार हैं। पीएम खान के संदेश पर विपक्ष ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
राष्ट्र के नाम एक संबोधन में इमरान खान ने कहा कि वह रविवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का सामना करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विपक्ष के पास जरूरी नंबर है। इसे देखते हुए इमरान खान के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
विपक्ष ने दिखाई एकजुटता
स्थानीय मीडिया ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व में संयुक्त विपक्ष ने एक दिन पहले 196 सांसदों को एकजुट किया था। पूर्व क्रिकेटर को प्रधानमंत्री की गद्दी से बाहर करने के लिए आवश्यक 172 से कहीं अधिक था। इतना ही नहीं खान की अपनी पार्टी के कुछ सदस्यों के भी उनके खिलाफ मतदान करने की उम्मीद है।
इमरान खान ने गुरुवार को टीवी पर दिए अपने संबोधन में कहा, “रविवार को पाकिस्तान के भाग्य का फैसला किया जाएगा। मैं आखिरी तक लड़ूंगा और अगर मैं जीत गया तो मजबूत होकर वापस आऊंगा।” उनका यह संबोधन पाकिस्तान की संसद द्वारा गुरुवार को संकटग्रस्त प्रधानमंत्री के राजनीतिक अस्तित्व पर बहस को स्थगित करने के बाद आया। गुरुवार के सत्र के स्थगन के लिए तत्काल कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। बहस शुरू करने के लिए रविवार को संसद की बैठक होनी है।
इमरान खान का सियासी सफर
आपको बता दें कि इमरान खान 2018 में सत्ता में आए। उन्होंने पाकिस्तान को भ्रष्टाचार से मुक्त करने का वादा किया था। हालांकि, उन्होंने देश के कुछ दागी नेताओं के साथ समझौता किया। एक पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने इस्लाम के अधिक रूढ़िवादी ब्रांड को अपनाया है। उन्होंने मौलाना तारिक जमील सहित कट्टरपंथी मौलवियों के साथ भी संगति रखी है, जिन्होंने कभी कहा था कि शॉर्ट स्कर्ट में महिलाओं ने कोविड -19 महामारी का कारण बना है।
कुछ अच्छे काम भी किए
इमरान खान को देश के विदेशी भंडार के निर्माण का श्रेय दिया जाता है, जो कि अब 18 अरब डॉलर से अधिक है। महामारी के कारण हुई आर्थिक मंदी के बावजूद, 2021 में विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों से कमाई 29 बिलियन डॉलर था। भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए उन्होंने अनौपचारिक धन हस्तांतरण प्रणाली पर भी नकेल कसी है, जिसे हवाला के नाम से जाना जाता है। हालांकि, विपक्ष उन्हें उच्च मुद्रास्फीति और कमजोर पाकिस्तानी रुपये के लिए दोषी ठहराता है।
कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए उनकी अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा हुई। इमरान खान के तथाकथित “स्मार्ट” लॉकडाउन ने भारी संक्रमित क्षेत्रों को टारगेट किया। उन्होंने एक राष्ट्रव्यापी बंद से परहेज किया। देश के कुछ प्रमुख उद्योगों जैसे निर्माण को बचाए रखा।
More Stories
दिल्ली चुनाव 2025: भाजपा के संकल्प पत्र के दूसरे भाग में छात्रों और ऑटो चालकों के लिए बड़े ऐलान, केजरीवाल ने उठाया सवाल
Rahul Gandhi Defamation Case: सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को राहत, मानहानि मामले में लगाई गई रोक
Delhi Election 2025: केजरीवाल का छात्रों के लिए बड़ा ऐलान