प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने आवास 7, लोक कल्याण मार्ग में देश में जारी भीषण गर्मी और मानसून के शुरू होने से जुड़ी तैयारियों और चक्रवात “रेमल” के प्रभाव की समीक्षा के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री को जानकारी दी गयी कि आईएमडी के पूर्वानुमानों के अनुसार, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी जारी रहने की संभावना है। इस वर्ष, देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून सामान्य और सामान्य से अधिक तथा प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम रहने की संभावना है।
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि आग की घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए नियमित आधार पर उचित अभ्यास किया जाना चाहिए। अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थानों की अग्नि सुरक्षा और विद्युत सुरक्षा की समीक्षा नियमित रूप से की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जंगलों में अग्नि-रेखा के रखरखाव और बायोमास के फलदायी उपयोग के लिए नियमित अभ्यास की योजना बनाई जानी चाहिए।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को प्रभावित राज्यों पर चक्रवात के प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई। मिजोरम, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ के कारण हुई जान-माल की हानि और घरों तथा संपत्तियों को हुए नुकसान के बारे में भी चर्चा की गई। आवश्यकतानुसार एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। टीमों ने लोगों को सुरक्षित निकालने, एयरलिफ्टिंग और सड़क साफ करने के अभियान चलाए हैं। बैठक के दौरान, यह बताया गया कि गृह मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ नियमित संपर्क में है।
प्रधानमंत्री को जंगल की आग की समय पर पहचान और उसके प्रबंधन में “वन अग्नि” पोर्टल की उपयोगिता के बारे में बताया गया।
बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक और एनडीएमए के सदस्य सचिव के साथ-साथ पीएमओ और संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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