भारत देश अपने विद्वान वैज्ञानिकों की बदौलत आज विश्वभर में अपना डंका बजा रहा है।एक ओर आसमान तो दूसरी ओर समंदर पार शासन कर रहा है,जिसका सुबूत है चंद्रयान और आधुनिक तकनीक से सज्ज INS विंध्यागिरी। जो बढ़ाएगा नौका दल की ताकत।
देश की राष्ट्रपति और भारतीय तीनों दल की सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता में आईएनएस विंध्यागिरी को लॉन्च किया। नीलगिरी क्लास का यह फ्रीगेट स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल युद्धपोत है। यह युद्धपोत एंटी सबमरीन, रॉकेट लॉन्चर्स ,ऑटो मेलारा नौ सैनिक गन से लैस है।
वहीं विंध्यागिरी बराक 8 मिसाइल लॉन्च करने में भी सक्षम है। बेहतरीन स्टेल्थ फीचर्स, आधुनिक हथियार, सेंसर, प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम, आधुनिक रडार सिस्टम और अत्याधुनिक सबमरीन वेपन सिस्टम से यह युद्धपोत सज्ज़ है। इसकी अधिकतम गति 52 किलोमीटर प्रति घंटा है ।35 अधिकारी और 226 नौ सैनिक इस पर सवार हो सकते हैं। 52 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड होने पर इसकी रेंज 4600 किलोमीटर रहेगी घंटा की अगर गति 30 से 33 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है तो यह 10, 200 किलोमीटर तक भी जा सकता है। इसमें आपात स्थिति में बचाव या हमला करने के लिए दो बोट्स भी मौजूद है। प्रोजेक्ट्स 17 A के जहाज को इंडियन नेवी वोरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है। जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की गई है।
यह युद्धपोत दो हेलिकॉप्टर भी वहन कर सकता है। 488.10 फीट लंबे इस युद्धपोत की बीम 58.7 फिट है। दो डीजल इंजन की मदद से यह चलता है। इसी के साथ इसमें दो इलेक्ट्रिक इंजन भी लगाए गए हैं, इसलिए इसे इलेक्ट्रिक डीजल युद्धपोत कहा जाता है। इस युद्धपोत में मौजूद आधुनिक हथियार दुश्मन के जहाज या हेलीकॉप्टर पर हमला करके उसे नष्ट भी कर सकते हैं। भारतीय नौका दल में INS विंध्यगिरी युद्धपोत के नौका दल में जुड़ने से दल की शक्ति की गुना बढ़ गई है।
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