इंदौर: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के बावजूद अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। इस लापरवाही के कारण महिला को मजबूर होकर सड़क पर एक ठेले पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। दुर्भाग्यवश, नवजात शिशु की मृत्यु हो गई, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया।
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया। इस दौरान महिला की स्थिति बिगड़ती गई, और आखिरकार उसे अस्पताल परिसर के बाहर ही ठेले पर प्रसव करना पड़ा।
नवजात के जन्म के कुछ ही देर बाद उसकी मृत्यु हो गई, जिससे परिजनों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और मामले की जांच के आदेश दिए। जिला कलेक्टर ने अस्पताल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है और दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठते सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर कर दिया है। ऐसी घटनाएं इस बात को दर्शाती हैं कि जरूरतमंदों को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं मिलने से उनकी जान पर बन आती है।
जनता की मांग
स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं। वे अस्पताल प्रशासन की जवाबदेही तय करने और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में किसी भी गर्भवती महिला को ऐसी अमानवीय परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।

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