लोकसभा चुनाव के बीच चुनावी राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है। प्रशांत ने गांधी, अंबेडकर, कम्युनिस्ट, लोहिया और मुसलमानों का जिक्र कर बीजेपी को मिलने वाले वोटों को लेकर बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, ”मोदी की योजनाओं, राम मंदिर, राष्ट्रवाद और लाभार्थियों के बावजूद आधे से ज्यादा हिंदू भाजपा को वोट नहीं देते।” ये चार वैचारिक हिंदू हैं, जो बीजेपी को वोट नहीं देते.’
लोकसभा चुनावों के बीच हालही में प्रशांत किशोर ने एक यूट्यूब चैनल के साथ इंटरव्यू किया था। इसमें उन्होंने कहा, ‘2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 38 प्रतिशत वोट मिले, जिसमें मुसलमानों ने वोट नहीं किया। भले ही देश की आबादी में 80 प्रतिशत हिंदू हैं, लेकिन भाजपा को सिर्फ 38 फीसदी वोट मिले, यानी आधे से ज्यादा हिंदुओं ने बीजेपी को वोट नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम होने के नाते यदि आप बीजेपी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं तो आपको ये समझना होगा कि कौन से हिंदू बीजेपी को वोट नहीं दे रहे हैं। ये हैं हिंदुओं की चार विचारधाराएं. गांधी को मानने वाले हिंदू बीजेपी के हिंदुत्व में विश्वास नहीं करते। अंबेडकर को मानने वाले लोग बीजेपी की विचारधारा को मानने को तैयार नहीं हैं। इसके अलावा कम्युनिस्ट विचारधारा के हिंदू भी बीजेपी को वोट देने को तैयार नहीं हैं। इतना ही नहीं, साम्यवादी समाजवादी लोहिया को मानने वाले कुछ लोग भाजपा की विचारधारा को मानने को तैयार नहीं हैं। ‘चार विचारधाराओं के लोगों को मुसलमानों के साथ सामाजिक-राजनीतिक गठबंधन बनाना चाहिए।’
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, ‘जो लोग इन चार विचारधाराओं में विश्वास करते हैं उन्हें मुसलमानों के साथ एक सामाजिक-राजनीतिक गठबंधन बनाना चाहिए और इससे एक नया विकल्प बनाना चाहिए। उन्हें एक साथ लाने की जरूरत है. तभी विपक्ष बनेगा और बीजेपी के खिलाफ लड़ेगा. कोई अन्य विकल्प नहीं है। कम्युनिस्ट, अम्बेडकरवादी, समाजवाद और कांग्रेस सभी ने गांधी की विचारधारा को स्वीकार कर लिया है। मुसलमानों को कट्टरता की ओर नहीं जाना चाहिए और गांधी की विचारधारा को अपनाना चाहिए।’
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