30 सितंबर को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस उन अनुवादकों और भाषाई विशेषज्ञों का सम्मान है जो हमें अलग-अलग भाषाओं और संस्कृतियों के बीच जोड़ते हैं। अनुवाद वह साधन है जो सीमाओं को मिटा कर एक भाषा से दूसरी भाषा तक विचारों, भावनाओं और ज्ञान को प्रवाहित करता है। यह सिर्फ भाषाओं का स्थानांतरण नहीं है, बल्कि यह एक पूरी नई दुनिया की खोज है, जो अनुवाद के माध्यम से हमारे सामने आती है।
इस दिवस पर, हमें उन महान व्यक्तियों को भी याद करना चाहिए जो विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और सामाजिक बदलाव के लिए काम कर रहे हैं। डॉ. सी. एस. बुच एक ऐसा ही नाम हैं, जिनका कार्य सिर्फ चिकित्सा तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने भाषाओं, दृष्टिहीनता, और समाज सेवा के क्षेत्र में भी अनगिनत उपलब्धियां हासिल की हैं।
अनुवाद और डॉ. बुच का योगदान
डॉ. बुच ने अपने जीवन में जो अनूठे काम किए हैं, उनमें से एक प्रमुख योगदान दृष्टिहीनों के लिए प्लास्टिक ब्रेल पुस्तक तैयार करना है। यह सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि उन लोगों के लिए एक नई भाषा का अनुवाद है, जो देखने में असमर्थ हैं। यह अनुवाद दृष्टिहीनों को चिकित्सा जानकारी उपलब्ध कराने का एक माध्यम है, जो उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करता है।
डॉ. बुच का मेडमीनिंग्स अंग्रेजी-गुजराती चिकित्सा शब्दकोश भी एक ऐसा अनोखा प्रयास है, जो भाषा की सीमाओं को तोड़कर चिकित्सा क्षेत्र में एक सेतु का काम करता है। यह अनुवाद की शक्ति को दर्शाता है, जहां एक भाषा के शब्द दूसरी भाषा में समाहित होकर ज्ञान का प्रसार करते हैं।
भाषाओं की विविधता और अनुवाद का महत्व
भाषा केवल संवाद का साधन नहीं, बल्कि यह विचारों की अभिव्यक्ति और संस्कृति की पहचान होती है। अनुवादक उस पहचान को बनाए रखते हुए ज्ञान को साझा करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे डॉ. बुच अपने कार्यों से समाज में बदलाव ला रहे हैं। उनकी ब्रेल हेल्थ बुक और इंजीनियरिंग डिक्शनरी ऐप उन लोगों के लिए नई संभावनाएं खोलती हैं, जो भाषा या दिव्यांगता की बाधाओं का सामना कर रहे हैं।
डॉ. बुच का योगदान केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं रहा। उनकी पुस्तकें और तकनीकी परियोजनाएं भी भाषाई समावेशिता को बढ़ावा देती हैं। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक “ए बी सी डी ऑफ सक्सेस”, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराही गई, इस बात का प्रमाण है कि एक अच्छे अनुवादक की तरह, डॉ. बुच ने भी विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान का प्रसार किया है।
अनुवाद दिवस का संदेश
अनुवाद का कार्य केवल शब्दों का रूपांतरण नहीं, बल्कि यह भावनाओं, संस्कृति और समाज को एक साथ जोड़ने का माध्यम है। डॉ. सी. एस. बुच जैसे लोग इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं कि कैसे सही जानकारी और नवाचार भाषा की बाधाओं को पार कर समाज के हर व्यक्ति तक पहुंच सकता है। चाहे दृष्टिहीनों के लिए ब्रेल पुस्तक हो, या समाज में भाषाई और चिकित्सा जानकारी का प्रसार—उनके कार्य एक प्रकार के अनुवाद हैं, जो समाज को जोड़ने और बदलने का काम करते हैं।
इस अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस पर, हमें यह समझना चाहिए कि अनुवादक और नवाचारी व्यक्तित्व दोनों ही हमारे समाज में एक विशेष स्थान रखते हैं। वे न केवल संवाद का सेतु बनाते हैं, बल्कि वे समाज को नई दिशाओं में भी ले जाते हैं।
अनुवाद दिवस पर हमें डॉ. सी. एस. बुच जैसे प्रेरणादायक व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए, जिनका जीवन और कार्य एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे अनुवाद के माध्यम से भाषाओं और संस्कृतियों की सीमाएं पार की जा सकती हैं। अनुवाद हमें यह सिखाता है कि हर भाषा और हर व्यक्ति के पास कहने के लिए कुछ अनमोल है, और डॉ. बुच का जीवन हमें यह दिखाता है कि किस तरह हम भाषा की सीमाओं को पार कर दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकते हैं।
अनुवादक शब्दों को नहीं, बल्कि दुनिया को जोड़ते हैं। डॉ. सी. एस. बुच जैसे लोग इस जोड़ को एक नई ऊंचाई पर ले जाते हैं।
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