CATEGORIES

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
Tuesday, January 7   7:43:42
eknath sinde (1)

महाराष्ट्र में सत्ता समीकरण: मुख्यमंत्री पद से ज्यादा इस पद पर शिंदे की नजर

महाराष्ट्र की सियासत में मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस बीच, शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह मंत्रालय में रुचि लेने की खबरें राजनीतिक गलियारों में तेज हो गई है।

सूत्रों के अनुसार, एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की बजाय गृह मंत्रालय के लिए जोर दे रहे हैं। यह मंत्रालय न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें पुलिस बल की कमान भी शामिल है, जिसे शिंदे हमेशा से बेहद अहम मानते रहे हैं।

शिंदे के गृह मंत्रालय के प्रति झुकाव का इतिहास पुराना है। 2019 में जब महाविकास आघाड़ी सरकार का गठन हुआ और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने, तो शिंदे ने गृह मंत्रालय की मांग की थी। हालांकि, सत्ता साझा समझौते के तहत गृह मंत्रालय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के हिस्से में चला गया, और शिंदे को शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई।

2022 में मुख्यमंत्री बनने के बावजूद शिंदे का गृह मंत्रालय के प्रति झुकाव कायम रहा। लेकिन, बीजेपी के साथ सत्ता साझेदारी में यह मंत्रालय देवेंद्र फडणवीस के पास चला गया। अब जब मुख्यमंत्री पद पर बीजेपी के कब्जा करने की संभावना है, शिंदे गृह मंत्रालय समेत अन्य महत्वपूर्ण विभागों जैसे लोक निर्माण, राजस्व, उद्योग और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) की मांग कर रहे हैं।

गृह मंत्रालय: रणनीतिक और राजनीतिक महत्व

गृह मंत्रालय का राजनीतिक महत्व किसी से छिपा नहीं है। यह मंत्रालय राज्य के कानून-व्यवस्था, पुलिस बल और सुरक्षा जैसे अहम विभागों की निगरानी करता है। इसे संभालने का मतलब है कि सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण का मुख्य केंद्र आपके हाथों में हो।

शिंदे की मांग को शिवसेना (शिंदे गुट) के अंदर व्यापक समर्थन प्राप्त है। पार्टी के कई नेता मानते हैं कि गृह मंत्रालय न केवल प्रशासनिक शक्तियों का केंद्र है, बल्कि यह सरकार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने का साधन भी है।

सत्ता संतुलन: शिंदे बनाम बीजेपी

यदि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो शिंदे की गृह मंत्रालय की मांग बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच सत्ता संतुलन पर असर डाल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी इस मांग को स्वीकार करती है या शिंदे को किसी कोई दूसरे मंत्रालय से संतोष करना पड़ेगा।

बीजेपी का उद्देश्य राज्य में राजनीतिक स्थिरता बनाए रखना और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सहयोगी दलों को संतुष्ट रखना है। ऐसे में शिंदे को गृह मंत्रालय सौंपना या किसी अन्य महत्वपूर्ण विभाग की पेशकश करना, बीजेपी के लिए एक रणनीतिक निर्णय हो सकता है।

राज्य में शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होने की संभावना है। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि महाराष्ट्र में सत्ता का नया समीकरण कैसा होगा। एकनाथ शिंदे की महत्वाकांक्षाएं और बीजेपी की रणनीति दोनों ही आने वाले समय में राज्य की राजनीति को प्रभावित करेंगे। महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव और सत्ता संतुलन के इस खेल में हर कदम पर नए समीकरण बनते और बिगड़ते रहेंगे।