प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति को आम तौर पर हिंदुत्ववादी, राष्ट्रवादी और कल्याणकारी के रूप में वर्णित किया जाता है। उनकी नीतियों को अक्सर सामाजिक सद्भाव और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
हिंदुत्ववाद: मोदी हिंदुत्व के सिद्धांतों को मानते हैं, जो हिंदू धर्म के सिद्धांतों और मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने हिंदू धर्म के पुनरुत्थान और हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, उन्होंने 2014 में राम मंदिर निर्माण के लिए एक बिल पेश किया, और उन्होंने 2020 में “अध्यात्मिक राष्ट्र” बनाने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम की घोषणा की।
राष्ट्रवाद: मोदी राष्ट्रवादी हैं और वे भारत को एक मजबूत और एकजुट राष्ट्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने देश की सुरक्षा और संप्रभुता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए, उन्होंने 2019 में जम्मू और कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया, और उन्होंने 2022 में चीन के साथ सीमा विवाद पर सख्त रुख अपनाया।
कल्याणकारी: मोदी कल्याणकारी हैं और वे देश के गरीब और कमजोर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की है, जैसे कि प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई)।
मोदी की राजनीति अक्सर विवादास्पद रही है। उनके आलोचक उन्हें हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कम करने के लिए आरोप लगाते हैं। उनके समर्थक उन्हें एक मजबूत और कुशल नेता के रूप में देखते हैं जो भारत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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