देश के लोकसभा चुनावों के प्रचारों के बीच राजनेताओं द्वारा कई सारे वादे किए जाते हैं कई सारी बाते कहीं जाती है ये बाते धार्मिक, राजनीतिक , आर्थिक हर प्रकार की होती है। इन भाषणों में जनता से वोट पाने के लिए कई सारे झूठ गढ़े जाते है। कुछ बातें चुनाव के पहले अलग और चुनाव प्रचार के दौरान अलग कहीं जाती है। ये सब वोट बैंक बढ़ाने के लिए होती है, लेकिन इन बातों से कई सारे समर्थकों का दिल टूट भी सकता है।
जब से पीएम मोदी ने चुनावी रैली में मनमोहन सिंह सरकार के दौर का जिक्र करते हुए मुसलमानों और आरक्षण की बात कहीं है तब से विपक्ष लगातार इस मुद्दे को लेकर हमलावर है। इन बातों को लेकर अब पीएम ने इसपर सफाई देते हुए कहा है कि उनका मतलब मुसलमानों से बिल्कुल नहीं था। उन्होंने कहा कि वह हिंदू-मुस्लिम कभी नहीं करते। मोदी ने कहा वे गरीब परिवारों की बात कर रहे थे।
इतना ही नहीं मीडिया चैनल न्यूज 18 द्वारा लिए गए इस इंटरव्यू में पीएम ने मुसलमानों के साथ अपनी नजदीकियों के किस्से भी साझा किए।
इंटरव्यू में पीएम ने बताया कि मेरा जो घर है उसके अगल बगल के सारे मुस्लिम परिवार हैं। हमारे घर में ईद भी मनती थी। हमारे घर में और भी त्योहर मनाए जाते थे। मेरे घर में ईद के दिन कभी खाना नहीं पकता था। सारे मुस्लिम परिवारों के घर से मेरे यहां खाना आ जाता था। क्योकिं हम रहते वहीं थे। जब मुहर्रम निलता था, तब हमारा कंपलसरी होता था ताजिए के नीचे से निकलों हमें ये सब सीखाया जाता तो मैं उस दुनिया में पला बढ़ा हूं। आज भी मेरे बहुत से दोस्त मुस्लिम है।

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