डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अंत्योदय विकास निगम द्वारा चलाई जा रही यात्री वाहन योजना गुजरात के युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। वडोदरा के 33 वर्षीय यतिनभाई सोलंकी इस योजना के लाभार्थी हैं, जिन्होंने इसके जरिए अपनी जिंदगी को आत्मनिर्भरता की ओर मोड़ा है।
योजना ने दी आर्थिक मदद
साल 2022 में यतिनभाई को यात्री वाहन योजना के तहत 4% की कम ब्याज दर पर ₹5 लाख की आर्थिक सहायता मिली। इस राशि से उन्होंने मारुति इको गाड़ी खरीदी और छोटी यात्रा सेवाओं से अपने व्यवसाय की शुरुआत की।
यतिनभाई बताते हैं, “यह योजना सिर्फ आर्थिक मदद नहीं करती, बल्कि आवश्यक व्यावसायिक मार्गदर्शन भी देती है। इससे मैंने बिना किसी भारी आर्थिक बोझ के अपना स्वरोजगार शुरू किया और आज अपने परिवार को बेहतर जीवन दे रहा हूं।”
योजना की खास बातें
- कम ब्याज पर ऋण: योजना के तहत लाभार्थी को ₹7.50 लाख तक की ऋण सहायता दी जाती है।
- सस्ती किस्तें: आठ साल की अवधि में केवल ₹9,142/- मासिक किस्त।
- स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहन: योजना का उद्देश्य कम आय वाले लोगों को आत्मनिर्भर बनाना और रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
यतिनभाई की सफलता बनी प्रेरणा
यतिनभाई का कहना है कि सही दिशा, मेहनत और इस योजना की मदद से उन्होंने आत्मनिर्भरता हासिल की। उनका उदाहरण उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो स्वरोजगार की तलाश में हैं।
समाज में रोशनी फैलाती योजना
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर अंत्योदय विकास निगम की यह योजना समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। यह न केवल युवाओं को रोजगार प्रदान करती है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है।
गुजरात सरकार की यह योजना समाज के वंचित वर्गों के जीवन में बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम है। यतिनभाई सोलंकी जैसे उदाहरण यह साबित करते हैं कि सही मदद और मेहनत से हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सकता है।
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