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महाभारत काल से जुड़ा है पानी पूरी का रहस्य, जानें इसकी कहानी

पानी पूरी……. एक ऐसी डिश जो सबको पसंद आती है। Pani Puri भारत का सबसे लोकप्रिय और पसंदीदा स्ट्रीट फूड है। बच्चों से लेकर, बड़े बुज़ुर्ग, महिलाएं, पुरुष, हर कोई इसके बेहतरीन स्वाद का दीवाना है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पानी पूरी की शुरुआत कब और कैसे हुई थी?

पानी पूरी का इतिहास महाभारत काल काल से जुड़ा है। एक कथा के अनुसार, द्रौपदी की शादी के वक़्त सभी पांडव और माता कुंती वनवास काट रहे थे। तो जब द्रौपदी शादी करके घर आईं, उनकी सास कुंती ने उसे एक काम सौंपा। अब जब पांडव वनवास काट रहे थे तो जायज़ है कि द्रौपदी को भी वन में ही उनके साथ रहना पड़ता। इसलिए कुंती उसे परखना चाहती थीं और यह देखना चाहती थीं कि क्या उनकी नई बहू पांडवों के साथ वन में रह पाएगी या नहीं।

इसलिए उन्होंने द्रौपदी को कुछ बची हुई आलू की सब्ज़ी और पूड़ी बनाने के लिए कुछ पर्याप्त गेहूं का आटा दिया। इसके बाद कुंति ने द्रौपदी को कुछ ऐसा बनाने के लिए कहा, जिससे उनके पांचो बेटों का पेट भर सके। ऐसा माना जाता है कि यह वही समय था जब द्रौपदी ने गोलगप्पे का आविष्कार किया था।

यह माना जाता है कि गोलगप्पे की शुरुआत और उत्तपत्ति सबसे पहले मगध में हुई थी।

कैसे बनती है पानी पूरी

आटे की छोटी-छोटी और क्रिस्पी पूरियां बनाकर उनमें आलू, चना और प्याज का मसाला भरा जाता है। उसके बाद अलग-अलग फ्लेवर का पानी डाला जाता है। इसमें ज़्यादातर जीरा का पानी, पुदीने का पानी, तीखा पानी, मीठा पानी, लहसुन का पानी और तीखा-मीठा मिक्स पानी का इस्तेमाल किया जाता है।

सेहत के लिए असरदार है पानी पूरी

माँ बाप हमेशा कहते हैं कि बहार का ज़्यादा नहीं खाना चाहिए, जंक फ़ूड नहीं खाना चाहिए, क्यूंकि सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पानी पूरी हमारी सेहत को नुक्सान पहुँचाने के बजाए उसे सुधार सकती है। पानी पूरी का जो पानी होता है वह हमारे हाज़में को सुधारता है। पानी में जलजीरा होता है जिससे हमारा हाज़मा सही होता है। साथ ही यह ब्लड शुगर को नियंत्रित भी कर सकती है। जीरा, काली मिर्च, अदरक जैसे मसालों का मिश्रण, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

कैसे पड़ा गोलगप्पा नाम

गोलगप्पा दो शब्दों को जोड़के बना है – गोल और गप्पा। गोल यानी पूरी का जो आकर है वह। और गप्पा एक खाने की प्रक्रिया को कहा जाता है। गप्पा में हम एक ही बार में पूरी की पूरी खाने की चीज़ को मुँह में दाल देते हैं। ऐसा ही हम पानी पूरी खाते वक़्त करते हैं। इसलिए इसका नाम गोलगप्पा पड़ा है।

भारत में इसके अलग-अलग नाम है। हरियाणा में इसे ‘पानी पताशी’ के नाम से जाना जाता है; मध्य प्रदेश में ‘फुल्की’; उत्तर प्रदेश में ‘पानी के बताशे’ या ‘पड़ाके’; असम में ‘फुस्का’ या ‘पुस्का’; ओडिशा के कुछ हिस्सों और छत्तीसगढ़ में ‘गुप-चुप’ और बिहार, नेपाल, झारखंड, बंगाल में ‘पुचका’। गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाड में यह पानी पुरी के नाम से मशहूर है।

जैसे जैसे समय बदलता है, वैसे इंसान भी बदलता है। और इस बदलते समय के साथ लोगों ने गोलगप्पे पर भी कई एक्सपेरिमेंट्स किए और इस देसी डिश को विदेशी टच देने की कोशिश की। आजकल बड़े बड़े शहरों में गोलगप्पे को मसालेदार पानी की जगह स्कॉच या वाइन के साथ परोसा जाने लगा है। इतना ही नहीं, बल्कि आजकल तो चीज़ पानी पूरी, मैगी पानी पूरी, चॉकलेट पानी पूरी, वोल्केनो पानी पूरी, और बाकी अन्य प्रकार की पानी पूरियां बनने लगी है। हालांकि, गोलगप्पे के स्वाद के साथ अनगिनत एक्सपेरिमेंट करने के बावजूद उसके ओरिजिनल मसालेदार टेस्ट के आगे सब फीके पड़ जाते हैं।